इस तारीख़ को लग रहा है 2021 का पहला सूर्यग्रहण, कहां-कहां दिखेगा, सूतक काल है या नहीं ?
बहुत जल्द ही इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है. तारीख़ बहुत ज्यादा दूर नहीं है. तारीख़ है 10 और महीना है जून. इस दिन लगेगा 2021 का पहला सूर्य ग्रहण. इस साल का पहला चंद्र ग्रहण तो लग चुका है वहीं अब सभी को साल के पहले सूर्य ग्रहण का इंतज़ार है. आइए आपको इस सूर्य ग्रहण के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.
बता दें कि, इस साल दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण लगेंगे. हाल ही में 26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लग चुका है, जबकि अब साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. ज्योतिषविदों के अनुसार इन सभी ग्रहणों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव लोगों पर देखा जाएगा.
कहा-कहां दिखेगा 2021 का पहला सूर्यग्रहण…
साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा. जानकारी मिली है कि, इस सूर्य ग्रहण को हमारे देश भारत के साथ ही कनाडा, रूस, ग्रीनलैंड, यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका में भी देखा जा सकेगा. खगोलशास्त्रियों ने बताया है कि, यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा.
बताया जा रहा है कि, 10 जून को लगने वाला पहला सूर्य ग्रहण भारत में न के बराबर दिखाई देगा और इस स्थिति में सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा. बता दें कि, आम तौर पर जब भी कोई सूर्य ग्रह मान्य होता है तो सूतक काल की शुरुआत ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले हो जाती है. इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य जैसे कि, यज्ञ अनुष्ठान आदि नहीं किए जाते हैं. जबकि सूतक काल में मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं और सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद ही कपाट खोले जाते हैं.
4 दिसंबर को लगेगा 2021 का दूसरा और आख़िरी सूर्य ग्रहण…
पहले सूर्य ग्रह के करीब 6 माह बाद साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा. दूसरा सूर्य ग्रहण साल के आख़िरी माह में यानी कि दिसंबर में 4 तारीख़ को लगेगा. इस सूर्य ग्रहण को दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में देखा जा सकेगा. वहीं पहला सूर्य ग्रहण देखने वाले भारतीय दूसरे सूर्य ग्रहण को नहीं देख पाएंगे.
दूसरा चंद्रग्रहण कब ?
इस साल लगने वाले साल के दोनों सूर्य ग्रहण और एक चंदग्रहण के बारे में तो आपको जानकारी मिल चुकी है, वहीं साल के दूसरे चंद्र ग्रहण की बात की जाए तो वह नवंबर के महीने में लगने वाला है. साल 2021 का दूसरा और आख़िरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा. जिसे भारत के साथ ही उत्तरी यूरोप, अमेरिका, प्रशांत महासागर और ऑस्ट्रेलिया में भी देखा जा सकेगा.