जानें एक्सपर्ट से, क्यों कोरोना वैक्सीन का टीका केवल हाथों में लगाया जा रहा है
कोरोना टीकाकरण अभियान देश में तेजी के साथ चल रहा है और 18 व इससे अधिक आयु के लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। कोरोना की वैक्सीन के तहत दो इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। जो कि कम से कम 8 हफ्ते के अंतराल में लग रहे हैं। इन इंजेक्शन को हाथ पर लगाया जा रहा है। ऐसे में कई लोगों के मन में यहीं सवाल बार-बार आ रहा है कि क्यों ये इंजेक्शन केवल हाथों पर ही लगाए जा रहें हैं।
अमेरिका के परड्यू यूनिवर्सिटी में नर्सिंग की एसोसिएट प्रोफेसर ने कोरोना की डोज हाथों में क्यो दी जाती है। इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कंधे के पास मांसपेशी मजबूत होती हैं। उसके आसपास इम्यून सेल्स भी होती है। जिसकी वजह से टीका लगाने के लिए शरीर का सबसे उपयुक्त स्थान यही होता है।। यहां पर इंजेक्शन लगाने से दवा का असर शरीर पर जल्द होने लग जाता है और शरीर वायरस के खिलाफ लड़ाई को शुरू कर देता है।
लिंफनोड्स इम्यून सिस्टम का अहम भाग है। जहां बड़ी मात्रा में कोशिकाएं होती हैं। ये वैक्सीन में मौजूद एंटीजन की पहचान कर शरीर को एंटीबॉडीज बनाने के लिए सक्रिय कर देता है। मांसपेशी में मौजूद इम्यून सेल्स वैक्सीन में मौजूद एंटीजन को लिंफनोड्स तक लेकर जाते हैं। मांसपेशी में टीका लगने के बाद वो दूसरी उन कोशिकाओं को अलर्ट करता है और उन्हें कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार टीका अगर गलत जगह या मांसपेशी पर लगा दिया जाए। तो दर्द अधिक होता है और वहां सूजन आने की संभावना बढ़ जाती है। अगर कोई टीका फैट कोशिका में लगे तो बेचैनी, सूजन का खतरा अधिक होता है। क्योंकि फैट टिशू में रक्त का संचार ठीक नहीं होता है।
बच्चों को जांघों में लगाया जाता है टीका
वैक्सीन कहां लगानी होती है। इसका चुनाव मांसपेशी के आकार पर निर्भर करता है। वयस्क और 3 साल से अधिक उम्र के बच्चों को टीका हाथ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशी में लगता है। जबकि छोटे बच्चों को टीका जांघ के बीच में लगाया जाता है, क्योंकि छोटे बच्चों के हाथ की मांसपेशी कमजोर और छोटी होती है।
गौरतलब है कि कोरोना टीका भी हाथों में लगाया जा रहा है। ये टीका लगाने के बाद कई लोगों को बुखार, सूजन व सिर दर्द की शिकायतें भी हो रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ये टीका भारी है। जिसके कारण कई लोगों को ये समस्या हो रही है। जो कि आम बात हैं। हालांकि उल्टी का होना, पेट में दर्द होना व अन्य कोई तकलीफ टीका लगाने के बाद हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।