5 साल की बेटी को 500 रुपए में बेच रही थी मां, खुद पहले 40 हजार में बिकी थी
पैसों की जरूरत या लालच ये दोनों ही चीजें इंसान को गिरने पर मजबूर कर देती है। अब उत्तर प्रदेश के मथुरा का यह मामला ही ले लीजिए। यहाँ एक महिला ने पहले खुद को 40 हजार रुपए में बेच दिया और फिर अपनी बच्ची को सिर्फ 500 रुपए में बेचने की कोशिश करने लगी। हालांकि जब बाल कल्याण समिति और मथुरा पुलिस को इस बात की भनक लगी तो पुलिस ने महिला की दोनों बेटियों को महिला से छुड़वाकर सरकारी बाल आश्रय गृह भेज दिया। आइए इस पूरे मामले को थोड़ा और विस्तार से जानते हैं।
चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक नरेंद्र परिहार के अनुसार हमे शनिवार की शाम फ्री नंबर 1098 पर एक कॉल आया था। हमे बताया गया कि राजवीर कौर नाम की एक महिला अपनी छोटी सी बेटी को सिर्फ 500 रुपए में बेचने की कोशिश कर रही है। ऐसे में हमने तीन सदस्यी एक टीम गठित की और उन्हें मौके पर जांच करने भेज दिया। हमारी टीम जल्द ही आरोपी महिला राजवीर कौर को थाने ले गई।
जब महिला से पूछताछ हुई और आगे की जांच हुई तो और चुकाने वाले खुलासे हुए। महिला के बैग में कुछ मोबाइल नंबर मिले। जब पुलिस ने इन नंबरों को मिलाया तो एक कॉल जस्सा सिंह नाम के शख्स को लगा। पंजाब के रहने वाले इस शख्स ने बताया कि उसकी बीवी पिछले चार-पांच महीने से बच्चों सहित गायब है। इसके साथ ही उसने ये भी बताया कि मैंने महिला और उसकी 7 वर्षीय बड़ी बेटी को सात साल पहले 40,000 रुपए में खरीदा था।
पुलिस के अनुसार महिला का पति जस्सा सिंह जांच जांच के लिए मथुरा आ रहा है। पुलिस इस केस को मानव तस्करी के एंगल से भी देख रही है। हालांकि अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। महिला ने खुद को किस मजबूरी के चलते 40 हजार रुपए में बेचा यह जांच के बाद ही पता लग पाएगा। वहीं बाल कल्याण समिति की सदस्य स्नेहलता चतुवेर्दी का कहना है कि हम इस मामले की छानबीन कर रहे हैं। यदि कोई दोषी मिलता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
उधर पुलिस ने महिला की दोनों बेटियों का पहले कोविड-19 टेस्ट करवाया। जब रिपोर्ट निगेटिव आई तो दोनों बच्चियों को बाल आश्रय गृह भेज दिया गया। उम्मीद की जा रही है कि दोनों बच्चियों का भविष्य अब बर्बाद नहीं होगा। ये बहुत दुखद बात है कि एक मां अपनी फूल सी नाजुक बेटी को सिर्फ 500 रुपए में बेच सकती है।
वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है?