लंबे वक्त बाद दुनिया के सबसे अजीबोगरीब तानाशाह किम जोंग उन एक बार फ़िर सुर्खियों में बनें हुए हैं। जी हां अपने अजीबोगरीब फरमानों के लिए विश्व प्रसिद्ध उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग इस बार एक विचित्र फ़रमान को लेकर चर्चा का केंद्र बन गए हैं। बता दें कि किम जोंग ने अपने देश में मूलेट हेयरकट और स्किनी जींस पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिस बात की पुष्टि उत्तर कोरिया के अख़बार, “द रोंदोंग सिनमुन” ने की है।
मालूम हो कि उत्तर कोरिया में सिर्फ़ 15 तरह के हेयरकट कराने की ही अनुमति है। कोरियाई वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की तरफ़ से आधिकारिक अखबार में कहा गया है कि, “हमें पूंजीवादी जीवनशैली के हर संकेत से सावधान रहना है और उसे खत्म करने के लिए लड़ना है।”
इतना ही नहीं पश्चिमी सभ्यता उत्तर कोरिया के लोगों पर हावी न हो इसके लिए यहां उन टीशर्ट को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिनपर स्लोगन या फिर नाक और होठों पर पियरसिंग की तस्वीर बनी हो। रोंगदेंग सिनमुन अख़बार में कहा गया है, “इतिहास ने हमें एक जरूरी सबक सिखाया है कि अगर हम अपनी जीवनशैली पर पकड़ बनाकर नहीं रखेंगे, तो देश फिर चाहे आर्थिक और सैन्य तौर पर कितना भी मजबूत क्यों ना हो, वह कमजोर हो सकता है और नम दीवार की तरह ढह सकता है।”
वहीं अगर बात नए फ़रमान के बाद उत्तर कोरिया में होने वाले बदलाव की करें, तो अब जो लोग उत्तर कोरिया में पश्चिमी फैशन के नाम पर कानून की धज्जियां उड़ाते और रंग-बिरंगे या नुकीले बाल रखते पाए गए उन्हें किम जोंग-उन द्वारा बनाए गए कानूनों के तहत श्रम शिविरों में रखा जाएगा। इसके अलावा जो युवा कोई आभूषण पहनने के लिए अपने चेहरे पर छेद करवाएंगे उन्हें भी कठोर सजा का सामना करना पड़ेगा।
वहीं विदेशी संस्कृति से उत्तर कोरिया को बचाने के लिए समय-समय पर लगने वाले प्रतिबंधों में एक प्रतिबंध यह भी लागू है कि यहां दक्षिण कोरिया के मशहूर “के-पॉप बैंड” का उपयोग नहीं किया जाएगा। वहीं बता दें कि उत्तर कोरियाई नेता ने इससे पहले प्योंगयांग के अस्पताल में चीनी दवाई पर भी रोक लगा दी थी क्योंकि चीन निर्मित “कोकार्बोक्सिलेज” दवा खाने से एक अधिकारी की कथित तौर पर मौत हो गई थी। आख़िर में एक बात यह कि क्या जिस तरीक़े का प्रतिबंध उत्तर कोरिया अपने लोगों पर लगा रही, ऐसे प्रतिबंध भारत सरकार लगा दे तो सोचिए क्या होगा? क्या यह प्रतिबंध वामी, कांग्रेसी और बाक़ी तथाकथित बुद्धजीवी सहन कर पाएंगे? वैसे कुछ हद तक उत्तर कोरिया के तानाशाह का प्रतिबंध जायज़ ठहराया जा सकता, क्योंकि अपनी संस्कृति और संस्कार को बचाएं रखने में ही किसी भी देश का अस्तित्व सुरक्षित रह सकता है।