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कांग्रेस टूलकिट के बाद कमलनाथ का वीडियो वायरल, “आग लगाने का यही सही समय”…

जबसे केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों को अमलीजामा पहनाया है। तभी से विपक्ष उसको लेकर दुष्प्रचार करने में लगी हुई है। पहले कृषि क़ानून पर देश को भ्रमित करते हुए कांग्रेस ने अपने लिए राजनीतिक ज़मीन तलाशने की कोशिश की। जब इससे फ़ायदा नहीं दिखा तो कोरोना काल में मोदी सरकार की आलोचना करके विपक्ष “आपदा में अवसर” की तलाश करने लगा। अब ताज़ा मामला कोरोना काल में मध्यप्रदेश से निकलकर आ रहा है। जिस दौर में कोरोना महामारी ने तांडव मचा रखा और अब ब्लैक फंगस ने समस्या को ओर विकट कर दिया है। उसी बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही। जिसमें वह आग लगाने की बात अपने कार्यकर्ताओं से कर रहें।

kamalnath

जब ज़रूरत देशहित में कार्य करने की है। मानवता की रक्षा के लिए अथक प्रयास की ज़रूरत है। ऐसे दौर में कमलनाथ आग लगाने की बात कर रहें। जो किसी को हजम नहीं हो रही। ऐसे में अब उनकी आग लगाने वाली वीडियो वायरल होने के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति उफ़ान पर है।

बता दें कि जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा। उसमें कमलनाथ जो पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं से बात करते दिख रहे हैं, इसी बातचीत के बाद कमल नाथ पर किसान आंदोलन के नाम पर भड़काऊ राजनीति करने के आरोप लग रहें हैं। कमलनाथ वीडियो में स्पष्ट अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश देते सुने जा सकते, “तुम्हें आग लगाना है! किसानों के मुद्दे पर। चाहें जो हो तुम लोग यह प्रचारित करो इस बार जितनी खरीदी हुई वह सिर्फ़ हरियाणा और पंजाब से हुई।” ऐसे में सवाल यह कि क्या देश अभी कम मुसीबत में जो कमलनाथ जैसे कांग्रेसी आग लगाने की बात कर रहें? वैसे आख़िर कांग्रेस को यह कब समझ आएगा कि मोदी विरोध और कृषि क़ानून का विरोध उसे ही महंगा पड़ रहा? फ़िर कांग्रेस आएं दिन अपनी फजीहत करवाने में क्यों पीछे नहीं हटती?


बता दें कि कमलनाथ के आग लगाने वाले वीडियो को भाजपा ने आड़े हाथ लिया है। मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने आग वाली वीडियो को लेकर कांग्रेस नेता कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि, “कमल नाथ इस देश के ऐसे नेता हैं, जो जब भी देश के अंदर देश-विरोधी कुछ भी होता है। तो वो उसका हिस्सा होते हैं, जब देश में इमरजेंसी लगी थी। तो कमल नाथ ने भी इमरजेंसी में महत्वपूर्ण भूमिका संजय गांधी के साथ निभाई थी।” वही मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि, “अब आपदा में वो सेवा तो करने से तो रहे। इसलिए आपदा में तांडव करना चाहते हैं। मैंने आज पहले भी कहा था कि ये वो ही कमल नाथ हैं, जो 1984 के दंगों में देश में आग लगाई थी। आज जो लीक हुआ है उनका वो इस बात का घोतक है कि वो प्रदेश में भी आग लगाना चाहते हैं। देश को तोड़ना चाहते हैं। मूल स्वभाव उनका उभर कर सामने आ गया है।”


वही उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि कमल नाथ जी की तस्वीर लगाकर और आवाज एडिट कर इसे जारी किया गया है। यह फेक वीडियो है। भाजपा की यही डर्टी पॉलिटिक्स है, भाजपा की आइटी सेल इसमें माहिर है। कांग्रेस इसकी शिकायत साइबर सेल में करेगी।

यहां एक बात तो स्पष्ट है। कोरोना काल में कांग्रेस लगातार राजनीतिक ज़मीन तलाशने के लिए हर वह बाण चला रहीं। जो उसके तरकश में है। हाँ लेकिन होता कुछ यूं है कि उसके बाण उसी को घायल कर जाते सो अलग बात। पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस ने अपनी लुटिया तो डुबोई ही है कहीं आगामी राज्यों में भी उसकी हालत क्षेत्रीय पार्टियों से भी पतली न हो जाएं। इस बारे में कांग्रेस को मंथन करना चाहिए और ऐसे बयानों पर अंकुश लगाकर ही कांग्रेस अपनी स्थिति सुदृढ़ कर सकती है।

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