डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख, बलात्कार और मर्डर मामले में जेल की सजा काट रहें बाबा राम रहीम आखिरकार जेल से एक दिन के लिए पैरोल पर बाहर आ गए हैं। गौरतलब हो कि बाबा राम रहीम लगातार जेल से बाहर निकलने के लिए पैरोल के लिए अप्लाई कर रहें थे, लेकिन किसी न किसी कारण से पैरोल निरस्त हो जाती थी। लेकिन मां की तबियत ख़राब होने की बात पर बलात्कार के आरोपी राम रहीम ने इस बार पैरोल लगाई। जिसे मंजूर कर लिया गया।
बता दें कि मां से मिलने के लिए गुरमीत राम रहीम को पैरोल दी गई है। सूत्रों के मुताबिक राम रहीम ने 17 मई को सुनारिया जेल के अधीक्षक सुनील सांगवान से पैरोल के लिए निवेदन किया था। वही इससे कुछ दिन पहले ही राम रहीम की जेल में रहते हुए तबियत खराब हुई थी जिसके बाद उन्हें पीआईजी ले जाया गया था। पीजीआई में भर्ती रहने के दौरान गुरमीत ने हनीप्रीत से मिलने की इच्छा जाहिर की थी।
Dera Sacha Sauda Chief Gurmeet Ram Rahim Singh, who is undergoing a 20-year jail sentence for raping two followers, was granted parole today to look after his ailing mother.
(File photo) pic.twitter.com/YtdTPHm2jC
— ANI (@ANI) May 21, 2021
मालूम हो कि बाबा गुरमीत राम रहीम दो अलग-अलग मामलों में जेल की सजा काट रहें है। उन्हें दो साध्वी के साथ बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी वही एक पत्रकार की हत्या के मामले में उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। राम रहीम को यह सजा 25 अगस्त 2017 को सुनाई गई थी। यहां बता दे कि इससे पहले भी अक्टूबर 2020 में गुरमीत राम रहीम को मां से मिलने के लिए पैरोल मिल चुकी है। उस दौरान गुप्त रूप से पैरोल मिलने की वज़ह से हरियाणा सरकार को काफ़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी। लेकिन उस दौरान हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह ने पैरोल को यह कहते हुए उचित ठहराया था कि यह कानून के अनुसार दिया गया है। रंजीत सिंह ने कहा था कि, “कानून के तहत प्रावधान है कि अगर दोषी के परिवार में कोई आपात स्थिति होती है, तो उसे पुलिस सुरक्षा में अपने परिवार से मिलने की अनुमति दी जाती है।”
वहीं इस बार पैरोल दिए जाने के विषय मे सुनारिया जेल के अधीक्षक सुनील सांगवान ने फोन पर समाचार एजेंसी ‘पीटीआई’ को बताया कि, “आपात पैरोल की अर्जी दाखिल किए जाने के बाद हमने इस संबंध में हरियाणा पुलिस को पत्र लिखकर उनसे एनओसी मांगी थी।” जेल अधिकारियों ने डेरा प्रमुख की मां की बीमारी से संबंधित दस्तावेज सत्यापन के लिए संबंधित अधिकारियों को भेज दिए थे।
जानकारी के लिए बता दें कि अगस्त 2017 में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को रेप केस में दोषी क़रार दिया था। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने ही साल 2002 में इस रेप केस की जानकारी पहली बार दी थी उस दौरान रामचंद्र छत्रपति सिरसा के सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक थे। साध्वी के साथ हुए रेप की ख़बर प्रकाशित करने के कुछ महीने बाद ही छत्रपति को अक्तूबर 2002 में गोली मार दी गई थी। जिसके क़रीब चार साल बाद इस मामले को 2006 में सीबीआई को सौंप दिया गया था।