सरहद की रक्षा करेगी ये ‘अदृश्य शक्ति’, पाकिस्तानी घुसपैठियों के लिए होगी ‘महाकाल’
नई दिल्ली – जम्मू-कश्मीर में पड़ने वाली भारत और पाकिस्तान की 198 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा के लिए अब अत्याधुनिक तकनीक की मदद ली जाएगी। इस तकनीकी की मदद से सीमा सुरक्षा बल के जवान पाकिस्तानी घुसपैठियों पर आसानी से नजर रख सकेंगे। इस तकनीक के उपयोग से घुसपैठ की स्थिती में भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के नजदीकी पोस्ट को तुरंत सूचना मिल जाएगी। इस तकनीक का नाम कवच (केवीएक्स) रखा गया है जिसे एक भारतीय आईओटी कंपनी सीआरओएन ने बनाया है। Kavach walls protect border.
सीमा पर लगेगा ‘कवच’, करेगा 198 किमी लंबे बॉर्डर की सुरक्षा –
पाकिस्तान की ओर से इन दिनों बार-बार युद्धविराम का उल्लंघन हो रहा है। क्योंकि अब गर्मियों का मौसम आ चुका है, इसलिए पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशों में इजाफा होने की पूरी आशंका हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए जल्द ही अंतराष्ट्रीय बॉर्डर की सुरक्षा में लगी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को एक ऐसा हथियार मुहैया कराया जाएगा जो दुश्मन को नजर तो नहीं आएगा, लेकिन किसी भी तरह के घुसपैठ को रोकने में सक्षम होगा।
इस नई टेक्नोलॉजी का नाम कवच है जो घुसपैठ का पता लगाकर उसके बारे में नजदीकी पोस्ट को जानकारी देगी। इस जानकारी की वजह से बीएसएफ के जवान दुश्मनों के खिलाफ माकूल एक्शन ले सकेंगे। इस टेक्नोलॉजी की सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह दुश्मन को नजर नहीं आएगी और इसकी मदद से बीएसएफ 198 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा कर सकेगी।
भारत में बनी है ये टेक्नोलॉजी, बिना बिजली के 12 घंटे तक करेगी काम –
कवच को पूरी तरह से भारत में डेवलप किया गया है। यह सिस्टम देश के दुश्मनों पर नजर रखने और सेना के जवानों को सूचना देने के लिए एक जटिल और इनक्रिप्टेड टेक्नोलॉजी का प्रयोग करता है। यह टेक्नोलॉजी पानी और शीशे दोनों पर ही कारगर है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से नजदीकी पोस्ट को घुसपैठ का पता चल सकेगा, जिससे बीएसएफ तुरंत प्रतिक्रिया दे सकेगी।
इस स्वदेशी टेक्नोलॉजी को इंस्टॉल करना भी बहुत आसान है। बिजली न होने पर भी ये टेक्नोलॉजी यूपीएस की मदद से 12 घंटे तक एक्टिव रह सकती है। सिर्फ कुछ ही घंटों में इसे एक किलोमीटर की दूरी तक लगाया जा सकता है, इसलिए ऐसी उम्मीद है कि सेना को ये टेक्नोलॉजी जल्द मिल जाएगी और सरहद की सुरक्षा वे आसानी से कर सकेंगे।