
झूठा साबित हुआ PM पर लगाया आरोप, खुद ममता ने अपने कलेक्टर को नहीं दिया था बोलने का मौका
पीएम मोदी की बैठक के बाद फिर से ममता का ड्रामा, बोली-मुझे बोलने ही नहीं दिया गया
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के हालातों पर 10 राज्यों के मुख्यमंत्री और 54 डीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की थी। इस मीटिंग में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं थी। हालांकि मीटिंग के बाद ममता बनर्जी काफी गुस्से में नजर आई और इन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी पर कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि मोदी ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया। हालांकि कुछ देर बाद ही ये बात झूठ साबित हुई।
दरअसल बैठक में 54 डीएम भी शामिल थे। जिसमें 24 उत्तर परगना जिले के डीएम भी मौजूद थे। मोदी ने 24 उत्तर परगना जिले के डीएम से कोरोना को लेकर अपनी बात रखने को कहा। हालांकि ममता बनर्जी को ये चीज पसंद नहीं आई और उन्होंने डीएम को कुछ भी बोलने नहीं दिया।
ममता ने डीएम के बोलने के समय को रद्द कर दिया और कहा कि वे खुद बोलेगी। सूत्रों का कहना है कि, ये बैठक पीएम और डीएम के बीच सीधे संवाद के लिए आयोजित की गई है। इसमें मुख्यमंत्री उपस्थित रह सकते थे। ताकि डीएम जो भी अनुभव और दिक्कत बताए वे मुख्यमंत्री के संज्ञान में सीधे आ जाए। इसलिए मोदी ने 24 उत्तर परगना जिले के डीएम को बात रखने को कहा। लेकिन जबकि ममता बनर्जी को ये चीज पसंद नहीं आई और उन्होंने डीएम को कुछ भी बोलने नहीं दिया। ममता ने डीएम उत्तर परगना के बात रखने के समय को ही रद्द करवा दिया।
गौरतलब है कि कोरोना को लेकर ये बैठक रखी गई थी। इस बैठक में मोदी ने उन राज्यों के डीएम से बात की जहां पक कोरोना बुरी तरह से फैल रहा है। डीएम के साथ ही सीएम को भी बैठ में शामिल किया गया था। इस बैठक में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश और राजस्थान के डीएम ने अपनी बात रखी थी।
क्या कहा मोदी जी ने
डीएम के साथ बैठक में नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ये बीमारी रूप बदल रही है, ये बीमारी बहुरूपिया है, वायरस म्यूटेंट होकर हमला कर रहा है। इससे निपटने के लिए बच्चों पर इसके असर का अलग से रिकोर्ड रखा जाए। ताकि भविष्य में होने वाले इसके हमले और बच्चों में इसके असर की तैयारी की जा सके। साथ में ही पीएम नरेंद्र मोदी ने जिला कलेक्टरों की तारीफ भी की।
बोलने नहीं दिया गया- ममता बनर्जी
इस बैठक के बाद ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुआ कहा कि उन्हें बैठक में बोलने नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने कहा कि, “ बैठक में कठपुतलियों की तरह बैठा कर रखा, हम अपमानित महसूस कर रहे हैं। हमें बोलने नहीं दिया गया। ऑक्सीजन-ब्लैक फंगस पर कुछ नहीं पूछा।” ममता बनर्जी ने कहा, हम तीन करोड़ वैक्सीन की मांग रखने वाले थे, लेकिन कुछ कहने नहीं दिया गया। इस महीने 24 लाख वैक्सी मिलनी थीं। लेकिन सिर्फ 13 लाख ही मिल पाई।
ममता यहीं नहीं रुकी इन्होंने बैठक के बाद कहा कि बंगाल में वैक्सीनेशन दर काफी कम है हालांकि पॉजिटिविटी रेट भी कम हुई है। ममता बनर्जी ने कहा, ‘अगर राज्यों को बोलने नहीं दिया जाता तो उन्हें बुलाया क्यों जाता है। सभी मुख्यमंत्रियों को विरोध करना चाहिए कि मीटिंग में बोलने की इजाजत नहीं दी गई।’