अध्यात्म

विक्रमादित्य ने तपस्या कर किया था मां बगलामुखी को प्रसन्न, वरदान में मांगी थी ये दो चीजें

हर साल वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती मनाई जाती है। इस साल ये जयंती 20 मई 2021 गुरुवार को है। बगलामुखी जयंती को धूमधाम से पूरे भारत में मनाया जाता है। राजा विक्रमादित्य और मां बगलामुखी से एक कथा भी जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार बगलामुखी मां ने राजा विक्रमादित्य को दर्शन किए थे।

बगलामुखी ने दिए दर्शन

King Vikramaditya

प्राचीनकाल में छत्‍तीसगढ़ में स्थित डोंगरगढ़ को कामाख्या नगरी के नाम से जाना जाता था। इस जगह पर राजा वीरसेन का शासन था। राजा वीरसेन की कोई संतान नहीं थी। इसलिए इन्होंने संतान प्राप्ति के लिए शिवजी और मां दुर्गा की उपासना की थी। इनकी उपासना से प्रसन्न होकर इन्हें संतान की प्राप्ति हुई। जिसके बाद माख्या नगरी में मां बम्लेश्वरी का मंदिर राजा ने बनवा दिया। राजा के बाद उनके पुत्र मदनसेन ने यहां शासन किया। इनके बाद इनके पुत्र कामसेन का शासन हुआ।

कामसेन के दरबार में नृत्य करने वाली कामकंदला और गायक माधवनल एक दूसरे से प्यार करते थे। जब ये बात कामसेन को पता चली तो उसने माधवनल को कामाख्या नगरी से बाहर कर दिया। माधवनल कामख्या नगरी से सीधे उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के पास पहुंचा और उन्हें अपनी कहानी सुनाई। कहानी सुनकर राजा विक्रमादित्य ने कामाख्या नगरी पर आक्रमण कर दिया।

raja vikramaditya

कामसेन और विक्रमादित्य के बीच युद्ध हुआ। जिसे राजा विक्रमादित्य ने जीत लिया। इस युद्ध के कारण कामख्या नगरी पूरी तरह से तबाह हो गई। इस नगरी में सिर्फ डोंगर और माता का मंदिर बचा। वहीं युद्ध के बाद विक्रमादित्य ने माधवनल और कामकंदला की प्रेम की परीक्षा लेना का सोचा। राजा ने ये अफवाह फैला दी कि युद्ध में माधवनल वीरगति को प्राप्त हो गया है। जैसे ही यह समाचार कामकंदला को मिला उसने एक तालाब में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। ये तालाब मंदिर के पास पहाड़ी के नीचे स्थित था। कामकंदला की मृत्यु का समाचार पाकर माधवनल ने भी अपना जीवन समाप्त कर लिया।

baglamukhi

राजा विक्रमादित्य को जब ये समाचार मिला तो उन्हें दुखा हुआ। पश्चाताप के लिए उन्होंने मां बगलामुखी की आराधना शुरू कर दी। लेकिन माता ने दर्शन नहीं दिए। इसके बाद राजा विक्रमादित्य ने भी अपने प्राण त्यागने का फैसला किया। जैसे ही ये प्राण देने लगे तभी मां बगलामुखी ने राजा को दर्शन दिए। वरदान मांगने पर राजा ने कामकंदला और माधवनल का जीवन और मां बगलामुखी के कामाख्या में ही निवास करने का वर मांगा। माता ने राजा की बात को मान लिया। जिसके बाद मां यहां पर बस गई।

छत्‍तीसगढ़ से 38 किमी दूर पहाड़ों में मां बम्लेश्वरी के दो मंदिर हैं। पहला मंदिर ऊंची पहाड़ी पर हा और दूसरा मंदिर प्रवेश द्वार से पश्चिम दिशा में है। आज भी दूर-दूर से लोग आकर यहां मां की पूजा करते हैं। मान्यता है कि मां की पूजा करने से हर कामना पूर्ण हो जाती हैं। बगलामुखी जयंती के दिन यहां खासा भीड़ देखने को मिलती है।

हरसिद्धि देवी मां ने भी दिए थे दर्शन

baglamukhi

सम्राट विक्रमादित्य को मां हरसिद्धि ने भी साक्षात दर्शन दिए थे। कहा जाता है कि अवन्तिकापुरी की रक्षा के लिए आस-पास देवियों का पहरा है, उनमें से एक हरसिद्धि देवी भी हैं। हरसिद्धि देवी की सम्राट विक्रमादित्य ने आराध्या की थी। जिस जगह इन्होंने मां की तपस्या की थी वहां पर आज के समय मंदिर बना हुआ है। जो कि भगवती श्री हरसिद्धिजी का स्थान के नाम से जाना जाता है।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet https://galaxy77bet-jaya.com/ https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor slot thailand slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://officialstore.it.com/