स्वदेशी लडाकू बीमान तेजस की १० खास बातें, देश आगे बढ रहा है
भारत में निर्मित लड़ाकू विमान तेजस अब तीन दशक बाद भारतीय वायुसेना में आधिकारिक रूप से शामिल हो गया है, जो कई मायनों में विश्वस्तरीय है।
आइए आज हम आपको तेजस लड़ाकू विमान की ऐसे ही 10 खास बातें बताते हैं, जिन्हें जानकर आपको भी अपने देश पर गर्व होगा-
1. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका नाम तेजस रखा. यह संस्कृत भाषा का शब्द है हिंदी में इसका मतलब चमक होता है.
2. 1984 में पहली बार स्वदेशी विमान बनाने की प्रक्रिया में कदम रखा गया और इसके लिए एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) स्थापित की गई.
3. साल 1986 में इस कार्यक्रम के लिए सरकार ने 575 करोड़ रुपए आवंटित किए थे.
4. लड़ाकू विमान तेजस का निर्माण तो भारत में हुआ है, लेकिन इसका इंजन अमेरिका का है. जबकि रडार और इसके हथियार प्रणाली इस्राइली है.
5. लड़ाकू विमान तेजस एक तरह से चीन और पाकिस्तान के द्वारा संयुक्त रूप से बनाए गए लड़ाकू विमान जेएफ—17 थंडर की टक्कर का है.
6. तेजस एक उड़ान में करीब 2300 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है. इसके मुकाबले थंडर 2,037 किलोमीटर की दूरी पूरी करने में ही सक्षम है.
7. लड़ाकू विमान तेजस की क्षमता फ्रांस के मिराज 2000 जैसी है. इसका मल्टीरोल रडाल अल्ट्रा 2030 इस्राइल का बना हुआ है.
8. लड़ाकू विमान तेजस का ढांचा कार्बन फाइबर से बना है जो धातु से कहीं ज्यादा हल्का और मजबूत होता है.
9. तेजस लाइट एयरक्राफ्ट करीब पचास हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है. यह हवा से हवा में वार करेगा और जमीन पर तो दुश्मनों को खोज कर मारेगा.
10. तेजस अगले साल वायुसेना की लड़ाकू योजना में नजर आएगा और इसे अग्रिम अड्डों पर भी तैनात किया जाएगा.
लड़ाकू विमान तेजस के सभी स्क्वाडन में कुल 20 विमान शामिल किए जाएंगे, जिसमें चार आरक्षित रहेंगे.
ये हैं भारत के लड़ाकू विमान तेजस की 10 मुख्य विशेषताएं, जो भारत को चीन और पाकिस्तान से भी मजबूत बनाएगा.