जीवन में हर प्रकार के संकट से दूर रहने के लिए इन तीन पौराणिक श्रीकृष्ण मंत्र का करें जाप!
भगवान श्रीकृष्ण की महिमा अपरंपार है। भगवान श्रीकृष्ण को देवताओं में सबसे मस्तमौला माना जाता है। यह जल्दी अपने भक्तों से नाराज नहीं होते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर पूरे देश में हैं, और इनके भक्त देश-विदेश में फैले हुए हैं। अब तो कुछ विदेशी लोग भी श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन दिखाई पड़ जाते हैं इस पोस्ट मे आप श्रीकृष्ण मंत्र को पढ़ सकते हैं और उन मंत्रो का क्या अर्थ है उसे जान सकते हैं. जैसे ये एक मंत्र “ओम नमो भगवते वासुदेवाय (om namo bhagavate vasudevaya)” दुनिया मैं बहुत से लोगों को पता है और वह इसे हर दिन बोलकर भगवन श्रीकृष्ण को याद भी करते हैं. लेकिन हर किसी को इस मंत्र का अर्थ पता नहीं होता. इस पोस्ट के जरिये आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.
श्रीकृष्ण मंत्र से दूर हो जाते हैं जीवन के हर कष्ट
भगवान श्रीकृष्ण के कई मन्त्र हैं, जिनका प्रयोग करके कोई भी व्यक्ति उन्हें खुश कर सकता है, लेकिन कुछ खास मन्त्रों का अपना अलग महत्व है। आज हम आपको कुछ पौराणिक श्रीकृष्ण मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका जप करने से व्यक्ति के जीवन से सभी कष्टों का नाश हो जाता है।
श्रीकृष्ण मंत्र का जप करते समय रखें सफाई का ध्यान
श्रीकृष्णमंत्र का जप करने से पूर्व एक बार “ॐ श्री कृष्णाय शरणं मम” मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए’। मंत्र का जाप करने से पूर्व यह बात सुनिश्चित कर लें कि जहां आप जाप कर रहें हैं, वह स्थान पवित्र हो। स्नान आदि करने के बाद इस मंत्र का जाप सुबह-शाम 108 बार करें, इस मंत्र का जाप करने से जीवन में कोई कष्ट नहीं आयेगा।
श्रीकृष्ण मंत्र
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने॥
प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:॥
श्रीकृष्ण मंत्र के दूसरे मन्त्र का उस समय जाप किया जाता है, जब व्यक्ति पर कोई बहुत बड़ा संकट हो। जब व्यक्ति के जीवन में कोई आकस्मिक संकट आता है तो वह तुरंत इस मंत्र का जाप करके उस संकट से मुक्त हो सकता है।
श्रीकृष्ण मंत्र: “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” (Om Namo Bhagavate Vasudevaya)
ॐ नम: भगवते वासुदेवाय कृष्णाय
क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:।
“ओम नमो भगवते वासुदेवाय” (om namo bhagavate vasudevaya) श्रीकृष्ण मंत्र के तीसरे मंत्र का जाप व्यक्ति को हर समय करना चाहिए। इस मंत्र का जाप आप किसी भी समय कर सकते हैं। भगवान के इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति भगवान से जुड़ा हुआ महसूस करता है। सोते-जागते, चलते-बैठते इस मंत्र का जाप किया जा सकता है।
श्रीकृष्ण मंत्र: “हरे कृष्ण हरे कृष्ण”
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम, राम-राम हरे-हरे।
इस महामंत्र का अर्थ यह है कि इस मंत्र में श्री हरि, कृष्ण जी और राम जी का वर्णन हुआ है.