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शूर्पनखा नहीं बल्कि उसका पति बना था रावण की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण, जानें पूरी कहानी

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है. कोरोना का सबसे ज्यादा असर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई-महाराष्ट्र में देखा जा रहा है. इसी की वजह से टीवी सीरियल्स की शूटिंग भी बंद हो चुकी है. इसी वजह से टीवी पर एक बार फिर से पुराने शो रामायण और महाभारत का प्रसारण शुरू हो चुका है. कुछ ऐसा ही पिछले साल भी हुआ था.

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आपको बता दें कि पिछले साल रामायण और महाभारत को देश के हर वर्ग द्वारा काफी पसंद किया गया था. इसके साथ ही टीआरपी में भी रामायण ने कई रिकॉर्ड तोड़ डाले थे. अब एक बार फिर से सभी दूर रामायण और उसके किस्सों का जिक्र होना शुरू हो चुका है. आपने भी टीवी पर रामायण देखीं होगी, कहीं पढ़ी होगी या किसी न किसी से इसके किस्से तो सुने ही होंगे

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आपको पता है रावण की बहन शूर्पनखा का पति कौन था. शूर्पनखा से ज्यादा वह रावण की मौत का कारण बना था. ऐसी कहानियां भी सुनाई जाती हैं कि शूर्पनखा ही अपने भाई रावण के वध की वजह बनी थी और शूर्पनखा का श्राप ही इसका वजह था. तो क्या था शूर्पनखा का श्राप ?

ऐसी है शूर्पनखा की कहानी

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कई कहानियों में से एक कहानी शूर्पनखा की भी है. इस कहानी के आधार पर कहा जाता है रावण ने अपने युद्ध के दौरान धरती पर मौजूद कई योद्धाओं को हराया था. इसके साथ ही उस जगह पर अपना राज़ स्थापित कर लिया था. इस दौरान उसने राजा कालकेय को भी हरा दिया था, जिसका सेनापति विद्युतजिव्ह था. अब विद्युतजिव्ह विरोधी सेना का सेनापति था इसलिए रावण ने अपनी बहन के पति को भी मौत के घाट उतार दिया. अपने पति के मर जानें के बाद शूर्पनखा काफी दुखी हुई और उसने मन ही मन भाई रावण को श्राप दे दिया कि रावण की मौत की वजह भी वहीं बनेगी.

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एक अन्य कहानी के आधार पर शूर्पनखा की नाक कटने के बाद रावण ने राम से बदला लेने के लिए सीता का अपहरण कर लिया था. उसके बाद सीता का अपहरण ही उसके वध का कारण बना. इसीलिए शूर्पनखा की वजह से ही रावण का युद्ध हुआ और वह मारा गया. लोगों के मन में कई बार ये सवाल आता है कि रावण के वध के बाद शूर्पनखा का क्या हुआ. शूर्पनखा का चित्रण केवल अरण्य कांड तक ही मिलता है. वहीं ये भी कहा जाता है कि शूर्पनखा ने संन्यास ले लिया होगा. या विभीषण के राज़ में रहने लगी होगी.

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