राष्ट्रवाद की बात करना गुनाह थोड़े न! सुदर्शन से डरे जिहादी, ट्विटर ट्रेंड हो रहा #BanSudarshanN
आज फिर विश्व भर के जिहादी सुदर्शन न्यूज़ के विरुद्ध ट्रेंड चला रहे हैं। पर देश भक्त कह रहे हैं #ISupportSudarshanNews
अजीब लोकतांत्रिक देश है हमारा भारत। भारत को हिन्द और हिंदुस्तान तो कहते हैं, लेकिन यहां हिंदुओं के हित की बात करने की मनाही है। राष्ट्रवाद की बात करना तो जैसे सबसे बड़ा गुनाह। अजीब क़िस्म के दुर्बुद्धिजीवी हैं हमारे देश में जो देशहित की बात करने से घबराते हैं, लेकिन फिलिस्तीन के साथ खड़ें होने को तत्पर दिखते हैं। छद्दम सेकुलरिज्म की हद्द हो गई है देश के भीतर। जहां राष्ट्रवाद और हिन्दू की बात करना गुनाह हो गया है।
आज देश में एक बहुत बड़ा तबक़ा फिलिस्तीन के साथ खड़ा दिखता है, लेकिन एक चैनल ने अगर इजराइल का साथ देने की मुहिम छेड़ दी तो सेकुलरिज्म का झंडा बुलंद करने वालों को मिर्ची लग गई। बात यह तक पहुँच गई कि सुदर्शन न्यूज़ को बैन करने की बात उठने लगी? तमाम धाराएं गिनाई जाने लगी कि फलां-फलां के तहत कार्रवाई की जाएं। अब ज़रा उन कठमुल्लों को यह भी तो समझना चाहिए कि देश का मददगार कौन? क्या सिर्फ़ धर्म के चश्मे से इक्कीसवीं सदी में भी देखने की कोशिश की जाएगी? स्पष्ट तथ्य यह है कि सदैव भारत ने “वसुधैव कुटुम्बकम” में विश्वास रखा है, लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि ग़लत का भी साथ दिया जाएं?
56 देशों के सवा लाख से अधिक जिहादियों को डर @SudarshanNewsTV की डिजिटल मिसाईल का नहीं अपितु असली सुदर्शन चक्र का है जो राष्ट्रीय संगठन शक्ति का परिचायक है। #I_support_SudarshanNews pic.twitter.com/10zksoDu9o
— विनोद बंसल (@vinod_bansal) May 18, 2021
फिलिस्तीन के लिए आज दुनिया के लगभग हर मुस्लिम देश साथ खड़ें दिख रहें। आख़िर क्यों? क्योंकि फिलिस्तीन मुस्लिम देश है। न कि वह सही या ग़लत। मतलब आप सपोर्ट करो वह भी धर्म की आड़ में तो सही और अगर तथ्यात्मक रूप से कोई टीवी चैनल इजराइल के सपोर्ट में खड़ा हो गया तो उसे बैन करो। हद्द हो गई है देश में दोगलेपन! मतलब रहना यहां, खाना यहां और गुणगान पाकिस्तान और फिलिस्तीन का?
चलिए फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले गैंग से एक साधारण सा सवाल यहीं कि क्या भारत और पाकिस्तान का ख़ुदा-न-ख़स्ता युद्ध हो गया तो तब भी वह पाकिस्तान के पक्ष में खड़ें होंगे? अगर आज जो धर्म के नाम पर फिलिस्तीन का साथ दे सकता, उसका क्या भरोसा कि वह भारत-पाकिस्तान के युद्ध मे भारत का साथ दे?
आइए मुद्दे की बात कर लेते हैं। बीते दिन कल से ट्विटर पर “सुदर्शन न्यूज़” को बैन करने की बात काफ़ी ट्रेंड कर रही। ऐसे में बैन करने की मांग करने वालों से पहला सवाल यहीं कि क्या हिंदुस्तान में हिन्दू की बात करना गुनाह है ? क्या राष्ट्रवाद की बात करने की संविधान में मनाही है ? क्या मित्र देशों की तारीफ़ या सहयोग करने पर पंचशील का सिद्धांत रोक लगाता है? क्या संविधान के किसी हिस्से में यह लिखा है कि सिर्फ़ मुस्लिम धर्म का साथ दिया जाएं तभी उचित वरना अनुचित? नहीं न ऐसा कुछ भी नहीं है। फ़िर बेवज़ह की चिल्लपों क्यों?
@SudarshanNewsTV has used a photo of Al Masjid and Nabawi Medina, an old photo of Gaza, with graphics of bombing the mosque.
Tipu Sultan Party request to @dgpup @Uppolice immediate arrest @SureshChavhanke and Ban Sudarshan News #BanSudarshanNews pic.twitter.com/jIz8PB5fR8
— Tipu Sultan Party ٹیپو سلطان پارٹی (@TSP4India) May 18, 2021
सुदर्शन न्यूज़ के संपादक राष्ट्रवाद की बात करते है। जनसंख्या नियंत्रण की बात करते हैं। चैनल के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल पर “राष्ट्रवाद की बुलन्द आवाज़” टैगलाइन लिखी है। कहीं इससे तो सेकुलरिज्म का दम्भ भरने वालों का फेफड़ा संक्रमित नहीं हो उठता? यह भी एक यक्ष प्रश्न है। हमारे देश की मीडिया में ही एक बड़ा हिस्सा है जो राष्ट्र विरोधी बात करने से नहीं कतराता। पाकिस्तान और चीन का गुणगान करने में पीछे नहीं रहता। विदेशी एजेंडा चलाने में हरदम आगे रहता। तो सेकुलरिज्म की आड़ में देश से खिलवाड़ करने वाले इन तथाकथित लोगो ने कभी उन चैनलों के खिलाफ क्यों मुहिम नहीं छेड़ी?
इजराइल हमारा समर्थक दशकों से रहा है और मित्र समस्या में हो तो उसकी मदद करना हमारे रग-रग मे है। फिर अगर उसने इजराइल की मदद की मुहिम चलाई तो मिर्ची किस बात की? सुदर्शन न्यूज़ द्वारा ख़बर दिखाएं जाने के बाद “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाने वाले पकड़ाएं जाते। कहीं उसका दर्द तो नहीं। मुस्लिम आबादी की बहुलता वाले इलाकों में कैसे हिंदुओं पर अत्याचार होता यह ख़बर कहीं चुभती तो नही? शायद इसलिए सुदर्शन न्यूज़ का विरोध कर रहें हो।
जानकारी के लिए बता दें कि सुदर्शन न्यूज़ को बैन करने का समर्थन करते हुए वारिश पठान नामक एक व्यक्ति ट्वीटर पर लिखता है कि, ” सुदर्शन न्यूज़ चैनल के संपादक सुरेश चव्हाण को एनएसए या यू/एस 295-ए और आईपीसी की धारा 153 के तहत गिरफ्तार करना चाहिए।” ऐसे में ज़रा कोई अपने आपको वकील लिखने वाले वारिश पठान से इतना पूछे कि वक़ालत की पढ़ाई ठीक से की भी है या नहीं? इजराइल का समर्थन मात्र करने पर धारा 153 औऱ अन्य धाराओं में गिरफ्तारी कैसे? मतलब निर्लज्जता की हद्द होती है।
मिया वारिस,
तुमने जिस उद्देश्य से 56 मुल्कों का संगठन बनाया है उसी उद्देश्य से मैं इज़राइल का साथ दे कर उसे साथ जोड़ रहा हूँ.
क्या ग़लत है इस में ?
मैंने जो कहा उस पर यथावत क़ायम हूँ..#BindasBol #IStandWithIsrael #I_SUPPORT_SUDARSHANNEWS https://t.co/X6WH4i2xsX
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) May 18, 2021
वैसे जितनी तेज़ी से सुदर्शन न्यूज़ को बैन करने की बात उठी। उससे भी तेज़ रफ़्तार में चैनल के समर्थन में लोग आगे आएं। जिससे यह स्पष्ट हुआ कि धार्मिक और जिहादी ताकते कितना भी जतन कर लें, लेकिन हमारा राष्ट्रवाद और हिंदुत्व सदैव अडिग रहेगा। सुदर्शन न्यूज़ के पक्ष में ट्विट करते हुए पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने लिखा कि, ” सुरेश चव्हाण जी के सुदर्शन चैनल ने इजराइल का साथ देने की अपील की तो सारे जिहादी उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगें आखिर ऐसा क्यों?” वहीं भाजपा के नेता भूपेश चौबे ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ” आख़िर देशद्रोही सुदर्शन टीवी को बंद क्यों करना चाहते?”
सुरेश चह्वाण जी ने “सुदर्शन टीवी” पर इजराइल का साथ देने की अपील की तो सभी जिहादी उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे, आखिर क्यों? @SureshChavhanke
— Pushpendra Kulshrestha (@PuspendraTweet) May 18, 2021