बेहद ही पवित्र होता है पारिजात का पेड़, इसे लगाने से मिलते हैं ये चमत्कारिक फायदे
पारिजात के पेड़ पर बेहद ही सुंदर फूल लगते हैं, जो कि सफेद रंग के होते हैं और सुगंधित होते हैं। इस पेड़ को हरसिंगार, शेफालिका, हरसिंगार, परजा के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इंग्लिश भाषा में इसका नाम नाइट जेस्मिन है। पारिजात के फूल सिर्फ रात में ही खिलते हैं और सुबह होते-होते ये मुरझा जाते हैं। शास्त्रों में पारिजात के फूल को बेहद ही चमत्कारी माना गया है और इन फूलों की मदद से कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। तो आइए बिना देरी किए जानते हैं पारिजात के फूल के चमत्कारिक फायदे।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पारिजात का पेड़ घर के वास्तु दोष को खत्म कर देता है। इसलिए जिन लोगों के घरों में वास्तु दोष है। वो अपने घर में इस पेड़ को लगा दें। अगर घर में पेड़ लगाने की जगह नहीं है। तो इस वृक्ष को घर के पास लगा लें। बस इस बात का ध्यान रखें की ये घर से दिखता रहे। ये उपाय करने से वास्तु दोष सही हो जाएगा।
लक्ष्मी मां की पूजा करते हुए पारिजात के फूलों का प्रयोग जरूर करें। ये फूल मां को बेहद ही प्रिय हैं और मां को ये फूल अर्पित करने से वो प्रसन्न हो जाती हैं। हालांकि पूजा के लिए केवल उन्हीं फूलों का प्रयोग करें जो एकदम साफ हों। जमीन पर गिरे फूलों का इस्तेमाल पूजा के दौरान न करें।
शास्त्रों के अनुसार जहां ये वृक्ष होता है वहां पर साक्षात लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए आर्थिक परेशानी होने पर घर में ये पेड़ लगा दें। घर के आंगन में ये पेड़ लगाने से मां लक्ष्मी का वास हो जाएगा और पैसों की कमी दूर हो जाएगी। इस पौधे को आप शुक्रवार के दिन ही लगाएं।
तनाव को दूर करने में भी ये फूल कारगर साबित होते हैं। जिन लोगों को अधिक तनाव रहता है वो इन फूलों को सुंगधते रहें। ये फूल सुंगधने से तनाव एकदम दूर हो जाएगा।
जिन लोगों को रात को बुरे सपने आते हैं। वो लोग सोते समय अपने पास थोड़े से पारिजात के फूल रख लें। ऐसा करने से बुरे सपने आना बंद हो जाएंगे।
जिस घर में पारिजात का पेड़ होता है। उस घर के सदस्यों के जीवन में खुशियां सदा बनीं रहती है और सबकी आयु भी लंबी होती है। उसके अलावा जिसके भी घर-आंगन में यै फूल खिलते हैं। वहां हमेशा शांति और समृद्धि का निवास होता है।
सेहत के लिए भी इन फूलों को उत्तम माना गया है। इस फूल का रस पीने से दिल के रोगों से रक्षा होती है। हृदय रोगों के लिए हरसिंगार का प्रयोग उत्तम होते हैं। दिल का रोग होने पर बस 15 से 20 फूलों या इसके रस का सेवन कर लें। किसी भी आयुर्वेदिक डॉक्टर से रस निकालने की प्रक्रिया पता कर लें। फूलों के अलावा इस पेड़ के पत्ते और छाल का उपयोग भी औषधि के रूप में किया जाता है।
पारिजात से जुड़ा पौराणिक महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पारिजात के वृक्ष को स्वर्ग से लाकर धरती पर लगाया गया था। नरकासुर के वध के पश्चात एक बार श्रीकृष्ण स्वर्ग गए और वहां इन्द्र ने उन्हें पारिजात का पुष्प भेंट किया था। जबकि अन्य कथा के अनुसार पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। जिसे इंद्र ने अपनी वाटिका में रोप दिया था। हरिवंशपुराण में इस वृक्ष और फूलों का विस्तार से वर्णन मिलता है।
उत्तर प्रदेश में दुर्लभ प्रजाति के पारिजात के चार वृक्ष हैं। जो कि हजारों साल पुराने बताए जाते हैं। इन चार पेड़ों में से दो वृक्ष वन विभाग इटावा के परिसर में हैं। जो कि पर्यटकों को ‘देवताओं और राक्षसों के बीच हुए समुद्र मंथन’ के बारे में बताते हैं।