शनि कर रहे राशि परिवर्तन इन राशियों को लगने वाली शनि की साढ़े साती, इस तरह करे उन्हें प्रसन्न
2021 में लगने के साथ ही कई ग्रहों का परिवर्तन हुआ था. लेकिन शनि का साल 2021 में कोई राशि परिवर्तन नहीं हुआ. अब इस माह की आने वाली 23 तारीख को शनि अपनी वक्री चाल से सभी 12 राशियों पर अपना प्रभाव डालेंगे. शनि के इस परिवर्तन से कुछ राशियों को शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से मुक्ति मिलेगी तो कुछ राशियों पर शनि की महादशा शुरू हो जाएगी. आपको बता दें कि शनि की साढ़े साती तीन चरणों में होती है.
शनि ने पहली बार 29 मई 2022 को राशि परिवर्तन करेंगे. इसके साथ ही मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का पहला चरण भी शुरू होगा. एक राशि में शनि करीब ढाई साल तक रहते है. इसी तरह वह एक चक्र पूरा करने में 30 साल का समय लगता है. शनि की महादशा का जब पहला चरण शुरू होता है तो शनि जिस भी राशि में रहते है उस जातक को मानसिक व शारीरिक कष्टों से गुजरना पड़ता है.
वहीं मीन राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू होते ही धनु राशि वालों को शनि की महादशा से मुक्ति मिल जाएगी. जबकि मकर और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती पहले की तरह ही चलती रहेगी. शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. वहीं तुला और मिथुन राशि वालों को शनि ढैय्या से मु्क्ति मिल जाएगी.
आपको बात दें कि शनि ढैय्या के समय आपको काम में देरी, वाद-विवाद और मानसिक तनाव देखने को मिल सकता है. वहीं धनु राशि पर शनि की साढ़े साती का तीसरा चरण इस समय चल रहा है. इस वजह से इस राशि वाले जातक अब खुश हो सकते है. वहीं मकर राशि पर शनि का दूसरा चरण है. इसलिए इन राशि वालों जातको को अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता है. कुंभ राशि में शनि का यह पहला चरण ही है. इस दौरान कुंभ राशि वाले जातकों को मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है. उन्हें काफी संयम से काम लेने की जरुरत है.
शनि के बुरे प्रभाव से इन उपायों से बचा जा सकता है
अगर आपको शनि देव के बुरे प्रभाव से बचना है तो हर शनिवार को शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाना चाहिए. हनुमान जी और भगवान शंकर की दिन प्रतिदिन पूजा से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं. हर मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर जाकर आपको हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए. हनुमान जी शनि देव के बुरे प्रभाव से रक्षा करते है और मन को शांति प्रदान करते है.