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खुशखबरी, प्राइवेट अस्पतालों में आसानी से अगले हफ्ते से रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V लगवा सकेंगे

कोरोना वायरस देश में लगातार अपने पैर पसार रहा है. कोरोना के कारण देश के हालात काफी नाजुक हो चुके है. देश के लोग इस वायरस से रोज़ अपनी जान गवा रहे है. देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. सभी के काम बंद है, बाज़ारों से भीड़ गायब है , लोग घरों में है. बावजूद इसके कोरोना संक्रमण के केस लगातार बढ़ते जा रहे है. सरकार इन बढ़ते हुए केसों से परेशान है तो वहीं देश का मेडिकल सिस्टम भी लाचार होता जा रहा है. देश के अमूमन हर अस्पताल से ऑक्सीजन की कमी की खबरें सामने आ रही है.

SPUTNIK V VACCINE

ऐसे में अगर कोरोना वायरस को बढ़ने से रोका जा सकता है तो उसका एक मात्र विकल्प सिर्फ वैक्सीन ही है. लेकिन इस समय देश में वैक्सीन की किल्लत की समस्या भी उभर कर सामने आई है. देश में बन रही कोवैक्सीन और कोवीशील्ड अब देश की जनता के हिसाब से पूर्ति नहीं कर पा रही है. इसी बीच एक राहत वाली खबर यह आई है कि रूसी कोरोना वायरस वैक्‍सीन Sputnik V इसी महीने निजी अस्‍पतालों में उपलब्ध होने जा रही है.

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इसमें यह भी साफ़ कर दें कि राज्‍य सरकारों को 18-44 एजग्रुप के लिए इस वैक्‍सीन का एक महीने तक और इंतज़ार करना पड़ेगा. आपको बता दें कि रूस की ये वैक्सीन विदेश में बनी पहली वैक्‍सीन है जिसे भारत में इमर्जेंसी इस्तेमाल की इजाजत दें दी गई है. हैदराबाद में Sputnik V का शुक्रवार को सॉफ्ट लॉन्‍च किया गया. इस वैक्‍सीन की एक डोज का दाम 995.40 रुपये (जीएसटी सहित) रखा गया है. इसके साथ ही खबर है कि मैक्‍स हेल्‍थकेयर समेत प्राइवेट अस्‍पतालों की डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज (DRL) से बात हो रही है. अभी यह वैक्‍सीन रूस से आयात की जा रही है.

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गौरतलब है कि पायलट प्रॉजेक्‍ट के तहत, स्‍पूतनिक वी की पहली डोज शुक्रवार को लगाई गई है. वहीं इस मामले में खबर आई है कि निजी अस्‍पताल अगले हफ्ते से 18-44 साल के लोगों को इस रुसी वैक्‍सीन को देने का काम कर सकते है. लेकिन इसमें एक पेच यह फस रहा है कि जून के आखिर तक वैक्‍सीन उपलब्‍ध नहीं हो पाएगी. इस वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि, अभी डेढ़ लाख डोज आयात की गई हैं. अगले हफ्ते तक और डोज आ जाएंगी. इसके साथ ही ये तय हुआ है कि ये डोज शुरुआत में प्राइवेट अस्पतालों को ही दी जाएगी.

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वहीं इस पुरे मामले में डॉ रेड्डीज ने कहा कि वह पायलट प्रॉजेक्‍ट के तहत अगले हफ्ते से वैक्‍सीन का लॉजिस्टिक्‍स टेस्‍ट करेगी. उन्होंने कहा कि पायलट प्रॉजेक्‍ट देश के सिर्फ बड़े ही शहरों में चलाया जायगा. इस वैक्सीन को रखने के लिए -18 डिग्री सेल्‍सियस की जरुरत पड़ती है. Sputnik V भारत की सबसे महंगी वैक्‍सीन साबित होगी. हलाकि निजी अस्पतालों में यह वैक्सीन Covaxin से सस्‍ती पड़ने का अनुमान है. डॉ रेड्डीज लैबोरेटरी ने रूसी वैक्‍सीन निर्माता से 25 करोड़ डोज का सौदा किया है. आपको बता दें कि इनमें से करीब 15-20 प्रतिशत यानी लगभग 5 करोड़ डोज रूस से मंगवाई जाएंगी. बाकि की वैक्सीन का निर्माण डॉ रेड्डीज द्वारा किया जाएगा.

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