जब इस एक्टर की फिल्म देखने के लिए फैंस के बीच मची थी भारी होड़, चार लोगों की हो गई थी मौत
भारतीय सिनेमा में एक से बढ़कर एक अभिनेता हुए हैं. चाहे बात हिंदी सिनेमा की करें या देश के अलग-अलग सिनेमा की. अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार. अजय देवगन, ऋतिक रोशन, शाहरुख़ खान जैसे सितारों के लिए फैंस पागलपन की सारी हदें पार कर देते हैं. ऐसी ही दीवानगी दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार चिरंजीवी के लिए भी देखी जाती है.
चिरंजीवी का नाम दक्षिण भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक के रूप में लिया जाता है. चिरंजीवी मुख्य रूप से तेलुगु फिल्मों में काम करते हैं. चिरंजीवी का जलवा 80 और 90 के दशक में खूब देखा जाता था. आज 65 वर्ष की उम्र में भी वे फ़िल्मी दुनिया में सक्रिय है. बता दें कि, चिरंजीवी ने कुछ बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है.
चिरंजीवी की फ़िल्में देखने के लिए फैंस की भारी भीड़ उमड़ती थी. उनकी फिल्म रिलीज होती थी तो फैंस के बीच फिल्मे देखने के लिए होड़ मच जाती थी. हालांकि इस दौरान कई बार चिरंजीवी के फैंस को अपनी जान भी गंवानी पडी है. आइए आज आपको चिरंजीवी से जुडी कुछ ख़ास बातें बताते हैं…
चिरंजीवी भारत के एक बड़े एक्टर के रूप में देखें जाते हैं. चिरंजीवी का जन्म आंध्र प्रदेश के मोगलतुरु में हुआ था. चिरंजीवी ने हीरो बनने का सपना देखा था और फिल्म ‘प्रणा खरीदू मना वूरी पंडावुलु’ से उनका सपना पूरा हुआ. यह उनकी डेब्यू फिल्म थी. अपने करियर में चिरंजीवी ने एक से बढ़कर एक ‘इंद्रा,’ ‘रुद्रा वीणा’, ‘टैगोर’ जैसी फिल्मों में काम किया है.
चिरंजीवी की फैन फॉलोइंग दक्षिण भारतीय सिनेमा तक ही सीमित नहीं है. उन्हें पूरे देश में पहचाना जाता है और विदेशों में भी चिरंजीवी की बढ़िया फैन फॉलोइंग है. आज चाहे चिरंजीवी फिल्मों में कम नज़र आते हो लेकिन उनकी फैन फॉलिंग में कोई कमी नहीं आई है. अब भी फैंस अपने इस चेहते सितारें की एक झलक पाने के लिए पागल रहते हैं.
चिरंजीवी को अपने बेहतरीन काम के लिए 7 बार दक्षिण भारतीय फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. वहीं उन्हें चार बार नंदी अवॉर्ड से भी नवाजा गया है. चिरंजीवी ने उस समय फ़िल्मी दुनिया में तहलका मचा दिया था जब उन्होंने एक साल में एक के बाद एक 14 हिट फिल्में दी थीं. इसके साथ ही उनका नाम भारतीय सिनेमा के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया था. उनके नाम यह बड़ा रिकॉर्ड दर्ज है.
80 और 90 के दशक में दक्षिण भारतीय सिनेमा में चिरंजीवी का जलवा चलता था. इस दौरान उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फ़िल्में दी थी. लोगों में चिरंजीवी की फ़िल्में देखने के लिए इस कदर होड़ मचती थी कि थिएटर में उनकी फिल्म रिलीज होते ही लोगों का भारी हुजूम इकट्ठा हो जाता था.
साल 2003 में जब चिरंजीवी की फिल्म ‘टैगोर’ प्रदर्शित हुई थी तो एक थिएटर में ऐसी भगदड़ मची थी कि चार लोगों की मौत हो गई थी. चिरंजीवी के फैंस ने उनकी फ़िल्में देखने के दौरान एक दो बार नहीं बल्कि कई बार किया था. वहीं एक बार एक फैन चिरंजीवी को पास जाकर छूने लगा इस दौरान उसे बिजली का झटका लग गया था.
चिरंजीवी की अदाकारी और बेहतरीन डायलॉग डिलीवरी के साथ ही फैंस को उनका डांस भी ख़ूब रास आता है. चिरंजीवी ने बताया है कि, उन्होंने डांस कहीं से सीखा नहीं बल्कि हेलन की वजह से वो अच्छे डांसर बने हैं. चिरंजीवी के मुताबिक़, रेडियो पर जब भी हेलन का गाना ‘पिया तू अब तो आजा’ बजता था तो वे डांस करने लगते थे.
बता दें कि, चिरंजीवी ने साल 1980 में सुरेखा से शादी की थी. सुरेखा और चिरंजीवी तीन बच्चों चिरंजीवी सुष्मिता, चिरंजीवी श्रीजा और राम चरण के माता-पिता हैं. राम चरण भी दक्षिण भारतीय फिल्मों के एक जाने-माने अभिनेता हैं.