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माता-पिता को घर में छोड़ खुद ही गाड़ी चला कर मंडप तक पहुंचा दूल्हा, वजह जान हैरान हो जाएंगे आप

कोरोना काल में अनोखे अंदाज में शादियां हो रही हैं और धूमधाम से विवाह करने की जगह लोग सादगी व कम लोगों की मौजूदगी में सभी रस्में कर रहे हैं। हाल ही में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुकी तरुणा निषाद ने बेहद ही अलग तरह से शादी की और इनको लेने आई बारात में केवल दो ही लोग शामिल हुए।

साल 1995-96 में अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने वाली तरुणा की शादी शहर के प्रीतम नगर निवासी यतींद्र कश्यप के साथ हुई है। तरुणा ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शादी रचाई। दोनों पक्षों ने बेहद सादगी के साथ सभी रस्में की और 5 से कम लोगों को ही शादी में शामिल किया।

दूल्हे ने तो शादी में अपने किसी भी रिश्तेदारों को नहीं बुलाया। दूल्हे के अनुसार कोरोना महामारी के कारण उसने किसी को शामिल नहीं किया। यहां तक की दूल्हे यतींद्र ने अपने माता-पिता को भी बारात में शामिल नहीं किया। यतींद्र के अनुसार माता-पिता की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो चुकी है। ऐसे में उनका घर से बाहर निकलना सही नहीं है।

यतींद्र खुद कार चलाते हुए मंडप तक आया और बाराती के नाम पर उनकी बड़ी बहन ही शामिल थीं। दुल्हन और उनके पिता त्रिभुवन ने मंडप में दूल्हे की अगवानी की। जिसके बाद सादगी से उनका ब्याह रचाया गया। संगमनगरी में यमुना तट केककरहा घाट पर कोरोना काल के नियमों के तहत ये पूरी शादी की गई।

गौरतलब है कि कोरोना के कारण कम ही लोगों को शादी में शामिल करने की अनुमति सरकार द्वारा दी गई है। कई लोग इन नियमों का पालन कर रहे हैं और सबके सामने मिसाल पेश कर रहे हैं। महज तीन वर्ष की उम्र में यमुना नदी पार कर जलपरी का खिताब हासिल करने वाली तरुणा ने भी सादगी के साथ विवाह कर एक मिसाल लोगों के सामने रखी है।

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