जानें क्या है कालसर्प दोष, इसके लक्षण व दूर करने के आसान अचूक उपाय
title-कालसर्प दोष होने पर इसे न करें अनदेखा, जानें इसके लक्षण ल अचूक उपाय
कालसर्प दोष लगने पर जातक का भाग्य उसका साथ नहीं देता है और हर कार्य में उसको असफलता ही मिलती है। माना जाता है ये दोष सर्प हत्या के कारण लगता है। इसके अलावा अगर पितर खुश न हों तब भी कुंडली में इस दोष का निर्माण हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं। तब कुंडली में कालसर्प योग का निर्माण होता है।
ज्योतिषी शास्त्रों के अनुसार कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते हैं जो कि इस प्रकार हैं अनंत, कुलिक, वासुकि, शंखपाल, पद्म, महापद्म, तक्षक, कर्कोटक, शंखनाद, घातक, विषाक्त और शेषनाग। कालसर्प दोष लगने पर इसका असर जीवन में पड़ने लग जाता है और नीचे बताए गई घटनाएं आपके साथ होने लग जाती हैं। अगर आपके साथ नीचे बताई गई बातें हों तो समझ लें की आपकी कुंडली कालसर्प दोष का निर्माण हो गया है।
कालसर्प दोष के लक्षण
- कालसर्प दोष होने पर घर में मांगलिक कार्य नहीं हो पाते हैं और मांगलिक कार्य होने में रुकावट आने लग जाती हैं।
- कुंडली में ये दोष होने पर संतान प्राप्ति में दिक्कत आती है।
- जीवन के हर क्षेत्र में असफलता का सामना करना पड़ता है।
- परिवार में तनाव का माहौल ही बना रहता है और घर के लोगों के बीच अक्सर लड़ाई होती रहती हैं।
- धन हानि होने लग जाती है और जहां पैसे निवेश किए होते हैं। वो डूबने लग जाते हैं।
- घर के सदस्यों को रोग हो जाता है और सभी सदस्य अक्सर बीमार ही रहते हैं।
- व्यापार में अड़चने बनी रहती हैं। केवल घाटा ही होता है।
- कालसर्प दोष होने पर बुरे सपने भी आते हैं। स्वप्न नें मरे हुए सांप, मुंडन, बारात, नदी में डूबते हुए देखना,अंगविहीन व्यक्ति और इत्यादि जैसे चीजें दिखाई देती हैं। इसके अलावा सपने में मृत व्यक्ति आपसे कुछ मांगे।
- विवाह में विलंब भी कालसर्प दोष का ही एक लक्षण है।
कैसे बचें इस दोष से
कालसर्प दोष से बचने के लिए नीचे बताए गए काम जरूर करें। इन कामों को करने से ये दोष दूर हो जाता है।
- कालसर्प दोष लगने पर शिव जी की पूजा करें और रोज इन्हें जल अर्पित करें।
- मंदिर में चांदी के सर्प का दान करें। ऐसा करने से ये दोष दूर हो जाता है।
- किसी पंडित से हवन करवाएं।
- अपने पितरों का खुश करने के लिए उनका तपर्ण करें और गरीब लोगों को भोजन करवाएं।
- हर रोज राहुकाल में 108 राहु यंत्रों को बहते जल में प्रवाहित करें।
- घर के मुख्य द्वार पर चांदी का स्वस्तिक लगाएं और उसके दोनों ओर धातु निर्मित नाग भी लगाएं।
- नागपंचमी के दिन नाग देव की पूजा करें और इन्हें दूध पिलाएँ। अगर नाग न मिलें तो शिवलिंग पर दूध अर्पित करें।
- श्रीमद भागवत और श्री हरिवंश पुराण का पाठ करवाते रहें।
- . राहू तथा केतु के मंत्रों का जाप करें या करवाएं-राहू मंत्र : ।। ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: ।।
केतु मंत्र : ।। ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:।। - सर्प मंत्र या नाग गायत्री के जाप करें या करवाएं-सर्प मंत्र : ।। ॐ नागदेवताय नम: ।।
नाग गायत्री मंत्र : ।। ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात् ।।
तो ये थे कुछ उपाय जिन्हें करने से कालसर्प दोष दूर हो जाता है और इससे मुक्ति मिल जाती है। कालसर्प दोष दूर होने पर अपने आप ही हर कार्य सफल होने लग जाता है और सभी बाधएं दूर हो जाती है।