Chanakya Niti: महिलाओं के ये 3 गुण उन्हें बनाते हैं महान, कहलाते हैं वो अल्फावीमेन
आचार्य चाणक्य अपने जमाने के महान विद्वान थे। उन्हें राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र और समाज शास्त्र का भरपूर ज्ञान था। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को संजोकर चाणक्य नीति लिखी थी। इसमें लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी कई दिलचस्प बातों का जिक्र देखने को मिलता है। ये बातें आज के समय में भी कारगर साबित होती है।
अपनी चाणक्य नीति में उन्होंने महिलाओं से संबंधित कई बातें कही हैं। इसमें उन गुणों के बारे में भी बताया है जो किसी स्त्री को सर्वश्रेष्ठ बनाते हैं। जिस भी महिला के अंदर तीन खास गुण मौजूद रहते हैं वह श्रेष्ठ मानी जाती है। तो चलिए हम भी इन गुणों पर एक नजर डाल लेते हैं।
विनम्र और दयावान: आचार्य चाणक्य के मुताबिक जिस भी महिला में दया और विनम्रता का भाव होता है वह महान होती है। यह गुण एक स्त्री को समाज में अच्छा इंसान बनाते हैं। उसकी पूछ परख होती है। लोग उसे पसंद करते हैं। दया और विनम्रता दिखाने वाली स्त्री समाज में हमेशा सम्मान हासिल करती है। इस तरह की स्त्रियों को क्रोध कम आता है। एक तरह से ये इस पर विजय हासिल कर लेती हैं। इनमें करुणा का भाव कूट कूट कर भरा होता है।
धार्मिक: जो स्त्रियाँ धर्म से जुड़ी होती हैं और धर्म की हर बात का पालन करती है उसे जीवन में यश की प्राप्ति होती है। इस तरह की स्त्री की बात हर कोई सुनता है। लोग उन्हें अपना आइडल मानते हैं। कुछ सलाह लेना हो तो इसी स्त्री के पास जाते हैं। धार्मिक प्रवृत्ति होने के चलते यह स्त्री गलत और सही के भेड़ को अच्छे से समझती है। ये समाज में ईमानदारी से रहना पसंद करती है। ये कभी किसी का गलत होता नहीं देख सकती है। समाज में इनकी मान प्रतिष्ठा अधिक रहती है।
धन संचय की आदत: जिन महिलाओं में पैसा खर्च करने की बजाय बचाने की आदत होती है वह भी श्रेष्ठ मानी जाती है। इस तरह की स्त्रियाँ परिवार के बुरे समय में बहुत काम आती है। इनका संचय किया गया धन मुश्किलें आसान कर देता है। वहीं जो स्त्री बहुत खर्च करती है और बचत नहीं करती उसके जीवन में परेशानियों का ताता लगा ही रहता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विपत्ति आने पर धन की सबसे बड़ा मित्र होता है। इसलिए हर किसी को इसकी बचत करते रहना चाहिए।
आचार्य चाणक्य की इन बातों से आप सभी कितना सहमत हैं? अपने जवाब कमेंट में जरूर दें।