6 साल पहले से चीन कर रहा था कोरोना वायरस पर रिसर्च, जैविक हथियार बनाने की थी प्लानिंग – दावा
जब से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला है तभी से कई देश चीन को इसका जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की मीडिया का यह दावा है कि चीन साल 2015 से ही कोरोना वायरस पर शोध कर रहा था। उसका इरादा इस वायरस को बतौर जैविक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना था।
द वीकेंड ऑस्ट्रेलियन द्वारा चीन के एक रिसर्च पेपर को आधार बनाकर यह रोपर्ट छापी गई है। इस रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि चीन बीते 6 वर्षों से सार्स वायरस की सहायता से जैविक हथियार बनाने का प्रयास कर रहा था। इस रिपोर्ट की माने तो चीन के वैज्ञानिक 2015 से ही कोरोना के भिन्न भिन्न स्ट्रेन पर विचार कर रहे थे। चीनी वैज्ञानिकों का मत था कि इसे हम तीसरे विश्वयुद्ध बतौर जैविक हथियार की तरह उपयोग कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने इस बात पर भी चर्चा की थी कि कैसे इस वायरस को एक महामारी के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
पहले यह खबर आई थी कि कोरोना वायरस चमगादड़ से फैला है। लेकिन इस ऑस्ट्रेलियन रिपोर्ट के अनुसार ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि चीन अक्सर कोरोना की जांच की बात से मुंह मोड़ लेता है। ऑस्ट्रेलिया के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट रॉबर्ट पॉटर के अनुसार वायरस के चमगादड़ द्वारा फैलने की थ्योरी एकदम गलत है। चीनी रिसर्च पेपर में जो लिखा है वही सही है। हम चीन के इस रिसर्च पेपर से ये पता लगा सकते हैं कि वहां के वैज्ञानिकों के दिमाग में क्या चल रहा था।
बताते चलें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब चीन पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगा हो। इसके पहले बीते वर्ष अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी कई मरतबा चीन के ऊपर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप मढ़ चुके हैं। उन्होंने इसे चीनी वायरस नाम दिया था। वहीं यूरोप के कई देश भी चीन को कोरोना के लिए जिम्मेदार मान चुके हैं। कुछ समय पहले ही ब्राजील के राष्ट्रपति द्वारा भी कोरोना वायारस के लिए चीन पर आरोप लगाए गए थे।
वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि ये सब चीन की ही एक चाल है? क्या वह इस वायरस के द्वारा दुनिया में तबाही फैला खुद को एक शक्तिशाली देश बनाना चाहता है? बिना सबूत के इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। लेकिन ये बात तो तय है कि सबसे पहले इस वायरस का फैलना चीन से ही शुरू हुआ था। ऐसे में दाल में कुछ तो काला है।