अध्यात्म

त्रेता युग में किया गया था देव सूर्य मंदिर का निर्माण, यहां 3 रूपों में विराजमान हैं भगवान

सूर्य देव पंचदेवों में से एक हैं और इन्हें ग्रहों का राजा माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य आरोग्य के देवता हैं। सूर्य देव की पूजा करने से इंसानों को रोगों से मुक्ति मिल जाती है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इतना ही नहीं सूर्य देव को पिता-पुत्र और सफलता का कारक माना गया है। इनकी पूजा करने बेहद ही लाभदायक साबित होता है।

औरंगाबाद जिले में स्थित ‘देव सूर्य मंदिर’ देश भर में काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर में आकर पूजा करने से सूर्य देव हर कामना को पूर्ण कर देते हैं। इस मंदिर में पूजा करने से दुखों का नाश हो जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर को भगवान विश्वकर्मा द्वारा बनाया गया है। सूर्य मंदिर का निर्माण त्रेता युग में हुआ है और ये मंदिर करीब 100 फीट ऊंचा है। मंदिर में भगवान सूर्य तीन स्वरूपों में विरामजामन है। जो कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश है। मान्यता है कि भगवान सूर्य यहां उदय काल में ब्रह्मा, मध्याह्न में विष्णु व संध्या काल में महेश के रूप में दर्शन देते हैं। जो भक्त यहां भगवान सूर्य की आराधना मन से करते हैं, उनपर सूर्य देव की कृपा बन जाती है।

इस मंदिर का निर्माण त्रेतायुग में राजा एल ने करवाया था। कथा के अनुसार राजा एल कुष्ठ रोग से ग्रसित थे। इस रोग से मुक्ति मिलने पर इन्होंने सूर्य देव का ये मंदिर बनाया था। कहा जाता है कि राजा एक बार जंगल में शिकार के लिए गए थे। वहां शिकार करते हुए राजा को प्यास लगने लगी। ऐसे में राजा ने जंगल में मौजूद देव स्थित तालाब का जल ग्रहण कर लिया। राजा के हाथ जल में जहां-जहां स्पर्श हुए वहां का कुष्ठ रोग ठीक हो गया। ये देखकर राजा उस तालाब में कूद गए। जिसके कारण उनके शरीर का कुष्ठ रोग ठीक हो गया।

वहीं एक दिन राजा को सपना आया कि जिस तालाब में उन्होंने स्नान किया है। उस तालाब में भगवान सूर्य की तीन स्वरूपी प्रतिमा है। ये सपना आने के बाद राजा ने तालाब खुदवाया तो उसके अंदर ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में तीन प्रतिमाएं उन्हें मिलीं। इन प्रतिमाओं के लिए राजा ने मंदिर का निर्माण कराया और मूर्तियों को वहां स्थापित कर दिया। इस मंदिर के प्रांगण में भगवान शिव और माता पार्वती की भी एक मूर्ति है।

पश्चिमाभिमुख की ओर से मुख्य द्वार

देव सूर्य मंदिर का मुख्य द्वार पश्चिमाभिमुख की ओर है। कहा जाता है कि औरंगजेब ने इस मंदिर को भी तोड़ने की कोशिश की थी। जब औरंगजेब इस मंदिर पहुंचे तो उन्होंने इसे तोड़ना शुरू कर दिया। लेकिन पुजारियों ने औरंगजेब को इस मंदिर का महत्व बताया। जिसके बाद औरंगजेब ने पुजारियों को एक दिन का समय देते हुए कहा कि अगर देव सूर्य मंदिर में कुछ सत्यता है। तो रातभर में इसका द्वार पूर्व से पश्चिम हो जाना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो हम मंदिर को छोड़ देंगे। अगले दिन जब औरंगजेब ये मंदिर तोड़ने आया तो मंदिर का द्वार पश्चिम दिशा की ओर हो गया। जिसके कारण औरंगजेब इस मंदिर को नहीं तोड़ सका और यहां से वापस लौट गया। तभी से इस मंदिर का मुख्य द्वार पश्चिमाभिमुख हो गया। ये एकमात्र ही ऐसा मंदिर है, जिसका द्वारा पूर्व की ओर नहीं है।

होता है मेलों का आयोजन

हर साल इस मंदिर में कई सारे मेलों का आयोजन भी किया जाता है। इन मेलों का आयोजन भव्य तरीके से किया जाता है और यहां कार्तिक व चैत छठ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आकर पूजा करते हैं। इतना ही नहीं छठ महापर्व के दौरान देव सूर्य मंदिर में लाखों की संख्या में लोग बिहार और झारखंड से आते हैं। मान्यता है कि मनोकामना पूरी होने के बाद लोग छठ में आकर यहां सूर्य देव को जल चढ़ाते हैं।

कैसे पहुंचे

ये मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है। औरंगाबाद आसानी से ट्रेन से पहुंचा जा सकता है। औरंगाबाद से देव सूर्य मंदिर जाने के लिए आसानी से बस और टैक्सी मिल जाएगी। यहां पर धर्मशालाएं भी हैं, जहां पर रूक भी सकते हैं।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy7bet https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor slot thailand slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://officialstore.it.com/ https://ecourse-lpug.gunadarma.ac.id/data/ https://unilinkindia.com/