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पंजाब: भाकड़ा नहर में बहते हुए मिले 1456 टीके, 621 रेमडेसिविर इंजेक्शन और 849 इंजेक्शन

कैप्टन सरकार स्वास्थ्य राज्य का विषय यह भूल रहें क्या आप?

देश अजीबोगरीब दौर से गुज़र रहा है। देश की जनता और केंद्र सरकार कोरोना से लड़ रही है। तो वहीं राज्य सरकारें केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से। जी हां जिस संकट की घड़ी में देश के हर राजनीतिक दल को एकजुट होकर मानव जीवन रक्षा का प्रयास करना चाहिए। ऐसी विकट स्थिति में गैर-भाजपा शासित राज्यों के कुछ मुख्यमंत्री केंद्र सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगा रहें। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हो, या झारखंड के हेमंत सोरेन या फ़िर पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह। ये सभी रहनुमा कई बार लगता कोरोना से ज़्यादा केंद्र सरकार से लड़ने को तैयार है।

बीते गुरुवार की ही बात करें तो पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र पर “सौतेला व्यवहार” करने का आरोप लगा दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि, ” प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को 50 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने सम्बंधित निजी तौर पर पत्र लिखने के बाद भी राज्य अपेक्षित ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा। ऐसे में राज्य के कांग्रेस सांसद केंद्र सरकार पर ऑक्सीजन टैंकरों, टीका और अन्य आवश्यक दवाओं को बढाने के लिए दवाब बनाएं।”

चलिए अमरिंदर सिंह जी मान लिया जाएं केंद्र सरकार आपसे सौतेला व्यवहार कर रही, लेकिन क्या आपकी सरकार निष्ठा से अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन कर रही? अगर हाँ फ़िर चमकौर साहिब के नजदीक गांव सलेमपुर से निकलती भाखड़ा नहर की सलेमपुर व दुगरी झील से सैकड़ों रेमडेसिविर इंजेक्शन 100 एमजी और छाती की इंफेक्शन में लगने वाले सीफ़ापैरोजोन इंजेक्शन ऑफ आईपी की खेप मिली। उसका क्या? आख़िर जो इंजेक्शन बेचने के लिए नही। वह नहर में कैसे पहुँच गई?

चलिए मान लिया जाएं इंजेक्शन नकली भी हो तो क्या आपके राज्य में कालाबाजारी का धंधा भी फल-फूल रहा। वह भी उस दौर में जब मानवता संकट के दौर से गुजर रही? यह ख़बर एक राष्ट्रीय दैनिक अखबार का जब से हिस्सा बनी है कि भाखडा नहर में इंजेक्शन तैर रहे। फ़िर पंजाब की राजनीति के साथ देश की राजनीति में भूचाल आना शुरू होता है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नही कि चूक किससे और कहां हो रही?

नहर से सरकार को सप्लाई होने वाले 1456 टीके, 621 रेमडेसिविर इंजेक्शन और 849 बिना लेबल के इंजेक्शन मिले, लेकिन इस पर कैप्टन सरकार चुप है और केंद्र पर पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाने में कोताही नहीं बरत रहे हुजूर! वहीं नहर में मिले इंजेक्शन के संबंध में अकाली दल के उपाध्यक्ष डॉक्टर दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि नहर से रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलने के मामले में गंभीरता के साथ जांच की जानी चाहिए, क्योंकि इसके तार हरियाणा में पकड़े गए नकली रेमडेसिविर के किंग पिंन से भी जुड़ सकते हैं।

इतना ही नहीं पंजाब में नहर में मिलें इंजेक्शन को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पंजाब की भाखड़ा नहर में मिले सरकारी इस्तेमाल के रेमडेसिवीर इंजेक्शन एक आपराधिक लापरवाही है और इस अपराध में राजस्थान सरकार बराबर की हिस्सेदार है। शनिवार को केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि राजस्थान को रेमडेसिवीर की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अपनी अव्यवस्थित प्रणाली का नमूना पेश करने में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कभी नहीं चूकते।

ऐसे में कुछ भी हो लेकिन कैप्टन साहब पहले ख़ुद तो अच्छी पारी खेलिए और कोरोना से पंजाब को बाहर निकालिए, फ़िर बाक़ी समय तो मिलेगा ही आरोप-प्रत्यारोप के लिए। इतना ही नहीं अमरिंदर जी आपको तो मालूम ही होगा कि “स्वास्थ्य” राज्य सूची का विषय है। ऐसे में जिम्मेदारी निभाइए। केंद्र पर आरोप लगाकर जिम्मेदारी से बच नही सकते। जानकारी के लिए यहां बता दें कि 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह ने कहा है कि स्वास्थ्य को संविधान के तहत “समवर्ती सूची” में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। यह प्रावधान कब होता यह तो समय बताएगा, लेकिन कोरोना से निपटना सभी सरकारों की अभी जिम्मेदारी होनी चाहिए।

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