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वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में इस हफ्ते पीक पर होगा कोरोना, मई महीने के अंत में होंगे केस कम

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में कोहराम मचा रखा है और रोज कोरोना के तीन लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। जबकि कल ये आंकड़ा चार लाख को भी पार कर चुका है। कल देश में पहली बार कोरोना के 4.12 लाख से ज्यादा नए मरीज मिले हैं और 3,982 की मौत 24 घंटे के दौरान हुई है। ऐसे में हर कोई बस उस पल का इंतजार कर रहा है। जब कोरोना की दूसरी लहर थम जाए और मौतों का आंकड़ा रूक जाए।

मई महीने में होगा पीक

सरकार के मैथमेटिकल मॉडलिंग एक्सपर्ट प्रोफेसर एम. विद्यासागर के अनुसार मई महीने में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं और 7 मई तक कोरोना की दूसरी लहर का पीक आएगा। एक चैनल को दिए इंटरव्‍यू में प्रोफेसर एम. विद्यासागर ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर 7 मई को अपने पीक पर हो सकती है। देश के हेल्‍थ सेक्‍टर को इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है। इस सप्‍ताह कोरोना पीक पर होगा और कुछ दिनों बाद मामलों में गिरावट दर्ज की जाएगी।

प्रो. विद्यासागर के अनुसार हर राज्‍य में स्थिति थोड़ी बदली हुई दिखाई दे सकती है। हर राज्‍य में कोरोना के पीक पर पहुंचने का समय थोड़ा अलग हो सकता है। लेकिन पूरे देश में जिस तरह से कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं। उसे देखें तो कोराना की लहर या तो पीक पर है या इसके बेहद करीब है।

प्रो. विद्यासागर ने कहा कोरोना की स्थिति को समझने के लिए औसतन सात दिन के समय में कोरोना की स्‍थ‍िति क्या थी ये देखना है। हर दिन कोरोना के आंकड़े घटते बढ़ते रहते हैं। कोरोना के आंकड़ों पर जितना काम किया है उसे देखते हुए कह सकता हूं कि सप्‍ताह के अंत में इनमें गिरावट आने लगेगी। प्रो. विद्यासागर की माने तो कोरोना की दूसरी लहर मई के बाद कम हो जाएगी और मई के बाद किसी राज्य में पीक नहीं आएगा।

प्रो. विद्यासागर की मानी तो मई के आखिर तक भारत में तकरीबन 1.2 लाख मामले प्रतिदिन के हिसाब से होंगे। हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि यहां मामले एकदम से शून्य हो जाएंगे। लेकिन जिस तरह से दूसरी लहर में मामले एकदम से बढ़ें हैं। उतनी ही तेजी से इनमें गिरावट आएगी।

12 राज्यों में हैं अधिक एक्टिव मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 2,10,77,410 हो गई है। जबकि कोविड से मरने वालों की संख्या 23,01,68 पहुंच गई।  स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 12 राज्यों में एक लाख से ज्यादा, 7 राज्यों में 50 हजार से एक लाख और 17 राज्यों में 50 हजार से कम एक्टिव केस हैं।

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