घर के रसोई में काम आने वाली हींग है कई बिमारियों का रामबाण इलाज, जानकर हो जायेंगे हैरान!
शायद ही कोई ऐसा रसोई घर होगा जहां हींग का इस्तेमाल नहीं किया जाता हो। हींग किसी भी खाने के स्वाद को दोगुना कर देता है। भारत ही नहीं विश्व की सभी रसोइयों में हींग का प्रयोग किया जाता है। यह एक ऐसा मसाला है जो खाने का जायका बढ़ाने के साथ-साथ शरीर के लिए भी काफी अच्छा होता है। हींग से कई बिमारियों का इलाज किया जा सकता है।
हींग के इन फायदों से होंगे अब तक अंजान:
आज हम आपको हींग के ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन फायदों के बारे में जानकर आपके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहेगा। आप सोच में पड़ जायेंगे कि जिस हींग को आप हर रोज इस्तेमाल करते थे, उसके इन फायदों से आप अबतक अंजान थे। आइये जानते हैं हींग से किस-किस शारीरिक समस्या को ठीक किया जा सकता है।
कर सकते हैं इन शारीरिक समस्याओं का इलाज:
*- अगर सर्दी की वजह से भयानक सिरदर्द से परेशान हैं तो पानी में थोड़ी सी हींग घोलकर अपने सर पर लगाएं, इससे सिरदर्द में तुरंत आराम मिलेगा।
*- अगर माइग्रेन की समस्या से पीड़ित हैं तो पानी में हींग घोलकर उसकी कुछ बूंदे हर रोज अपनी नाक में डालें। माइग्रेन में इससे बहुत आराम मिलता है।
*- अगर आपकी पसलियों में दर्द हो रहा हो तो पानी में हींग घोलकर वह पानी पसलियों पर लगाएं। जल्द ही पसलियों के दर्द से मुक्ति मिलेगी।
*- अगर बच्चे को निमोनिया हो गया है तो उसे हींग का पानी थोड़ी-थोड़ी देर पर पिलाते रहें, जल्द ही निमोनिया से राहत मिल जाएगी।
*- खाने में लगातार हींग के सेवन से महिलाओं के गर्भाशय का संकुचन बढ़ता है। इससे मासिक धर्म में होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
*- अगर दाद की समस्या से परेशान हैं तो गन्ने के रस में थोड़ा सिरका मिलाएं, अब इसमें थोड़ी मात्रा में हींग पाउडर मिलाकर सुबह-शाम लगाएं। कुछ ही दिनों में दाद पूरी तरह ठीक हो जायेगी।
*- अगर आपको लगातार हिचकी आ रही है और आप इससे बहुत परेशान हैं तो पुराने गुड़ में थोड़ा हींग मिलाकर सेवन करने से हिचकी तुरंत बंद हो जाती है।
*- अगर कोई जहर खा लेता है तो उसे जानकारी मिलते ही तुरंत हींग का पानी पिलायें। इससे जहर खाने वाले को उल्टी होगी और उसके साथ ही शरीर का सारा जहर बाहर आ जायेगा।
*- हिस्टीरिया के रोगियों को हींग सुंघाने पर तुरंत होश आ जाता है।
*- हींग का प्रतिदिन सेवन करने वाले व्यक्ति को निम्न रक्तचाप और दिल सम्बन्धी बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।