क्या टॉयलेट फ्लश करने से भी फैलता है कोरोना? जाने नई रिसर्च क्या कहती है
कोरोना वायरस को डेढ़ साल से अधिक का समय हो गया है। ये अभी तक खत्म नहीं हुआ है। इसका कहर बरसना जारी है। इस वायरस को लेकर दुनियाभर में कई तरह की रिसर्च भी हो रही हैं। इस बीच एक नई रिसर्च से ये पता चला है कि पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने से कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही इस बात की पुष्टि हुई थी कि ये वायरस हवा से भी फैल सकता है। इसे आप टॉयलेट को फ्लश करने से लेकर भी जोड़ सकते हैं। जब हम टॉयलेट को फ्लश करते हैं तो छोटी छोटी बूंदों के रूप में कई ड्रॉपलेट्स हवा में उड़ते हैं। इनमें वायरस हो सकता है। यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति टॉयलेट फ्लश करते समय इस वायरस की चपेट में आ गया तो वह बीमार हो सकता है।
रिसर्च में पता चला कि टॉयलेट फ्लश करने पर एरोसोल (Aerosol, हवा के कण) उत्पन्न होते हैं। ये कण हवा में का घंटों तक तैर सकते हैं। ऐसे में ये कोरोना वायरस युक्त ये सूक्ष्म कण उस टॉयलेट का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की नाक से होकर उसके श्वसन तंत्र में भी जा सकते हैं। इस प्रक्रिया को विस्तार से स्टडी विज्ञान पत्रिका फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स (Physics of Fluids) में प्रकाशित किया गया है।
फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी (Florida University) में हुई इस रिसर्च को सपोर्ट तब मिल जब एक पुरानी रिसर्च से इसे जोड़ा गया। दरअसल एक पुरानी रिसर्च में इस बात के पक्के सबूत मिल चुके हैं कि टॉयलेट फ्लश करने पर पैदा हुए ड्रॉपलेट्स से पेट से जुड़ी कई तरह की बीमारियां होती है। इस पुरानी रिसर्च को आधार माना जाए तो ये बात साबित हो जाती है कि टॉयलेट फ्लश करने पर भी कोरोना संक्रमण फैल सकता है। हालांकि इस रिसर्च के पुख्ता सबूत एकत्रित किए जा रहे हैं। इसलिए आने वाले समय में इस पर और गहराई से जाना जा सकता है।
वैसे सावधानी के तौर पर आप सभी यही कोशिश कीजिए कि पब्लिक टॉयलेट यूज न करें। इसके साथ ही घर में यदि किसी को कोरोना हो जाए तो उसकी टॉयलेट भी अलग थलग ही रखें। इससे आपके कोरोना संक्रमित होने के चांस और भी कम हो जाएंगे।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। कृपया आप इसे दूसरों के साथ साझा करना न भूलें। इस तरह बाकी लोग भी सावधान हो जाएंगे और इस खतरनाक वायरस की चपेट में आने से बच जाएंगे।