खलनायिका बनकर भी अरुणा ईरानी ने पाई एक्ट्रेस जैसी सफ़लता, इस वजह से कभी नहीं बन पाई मां
हिंदी सिनेमा में हमेशा से ही अभिनेता और अभिनेत्रियों के साथ ही खलनायकों का दबदबा रहा है। फिल्मों में खलनायकों का होना फिल्म को और भी मजेदार बना देता है। 70 के दशक में तो खलनायकों के साथ ही खलनायिकाओं की भी धूम देखने को मिलती थी। ऐसी ही 70 के दशक में एक मशहूर खलनायिका थी अरुणा ईरानी (Aruna Irani)।
अरुणा ईरानी (Aruna Irani) ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से हर किसी को अपना कायल बनाया है। अरुणा को फैंस ने हर एक किरदार में बहुत पसंद किया है। उनका फिल्मी सफ़र काफी लंबा रहा है। आइए आज आपको इस मशहूर अभिनेत्री से जुड़ी कुछ ख़ास बातों से अवगत कराते हैं।
अरुणा ईरानी का जन्म 18 अगस्त 1946 को मायानगरी मुंबई में हुआ था। अरुणा ने एक खलनायिका होते हुए भी किसी बड़ी एक्ट्रेस की तरह हिंदी सिनेमा में नाम कमाया है। वे जवानी के दिनों में अपनी अदाकारी के साथ ही अपनी ख़ूबसूरती के चलते भी ख़ूब पसंद की जाती थी। बॉलीवुड में एक दौर ऐसा भी आया जब अरुणा ईरानी ने रुपहले पर्दे पर खलनायिकाओं(Vamp) की परिभाषा बदल दी थी।
अरुणा एक शानदार अभिनेत्री के साथ ही एक बेहतरीन डांस भी थी। आपको यह जानकर ताज्जुब हो सकता है कि अरुणा ने अपने लंबे फ़िल्मी करियर में 500 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है। उन्होंने पर्दे पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की भूमिकाएं निभाई है और वे दोनों से ही दर्शकों के दिलों पर राज करने में कामयाब रही है।
फिल्मों में तो अरुणा ईरानी ने बखूबी अपने नाम का परचम लहराया। वहीं वे छोटे पर्दे पर भी अपनी अदाकारी का जलवा बिखेर चुकी है। अरुणा ईरानी कई टीवी धारावाहिकों में भी काम किया है। फिल्मों की तरह ही दर्शकों ने उनके काम को टीवी सीरियल्स में भी सराहा है। जहां एक ओर अरुणा ईरानी अपने फ़िल्मी करियर को लेकर चर्चा में रही तो उन्होंने अपनी निजी ज़िंदगी के चलते भी खूब सुर्खियां बटोरीं थी।
मजबूरी में किया फिल्मों में काम…
दिग्गज़ अभिनेता रहे दिलीप कुमार ने अरुणा ईरानी को अपनी फिल्म में एक छोटा ऐसा रोल दिया था। यह साल 1961 की बात है जब फिल्म‘गंगा जमुना’ आई थी। अरुणा के लिए शुरुआती समय काफी संघर्षपूर्ण था। दरअसल, 8 भाई-बहनों में सबसे बड़ी अरुणा थी और पिता के साथ ही उनके कंधों पर भी परिवार की जिम्मेदारी थी, ऐसे में करियर के शुरुआती दिनों में उन्हें जो भी रोल मिलता था वे उसके लिए हामी भर देती थी। पिता का हाथ बंटाने के लिए अरुणा ने पढ़ाई भी छोड़ दी थी।
बॉलीवुड में अरुणा लीड एक्ट्रेस के रूप में अपनी अदाओं का जलवा बिखेरने में नाकाम रही। लेकिन साइड और सपोर्टिंग रोल्स में उन्होंने खूब वाहवाही लूटी। दर्शकों ने उनकी दमदार अदाकारी का नजारा ‘बॉबी’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’,’खेल-खेल में’, ‘दो जासूस’, ‘चरस’, ‘लावारिस’, ‘घर एक मंदिर’, ‘शहंशाह’,’ फूल और कांटे’, ‘बेटा’ जैसी हिट फिल्मों में देखा है।
एक समय अरुणा ईरानी का नाम गुजरे जमाने के मशहूर हास्य अभिनेता रहे महमूद के साथ खूब जुड़ा था। दरअसल, अरुणा और महमूद ने कई फिल्मों में साथ कमा किया था और इसके चलते दोनों के अफ़ेयर की खबरें भी सामने आई। वो महमूद ही थे जिन्होंने अरुणा को लीड एक्ट्रेस के रूप में फिल्म बॉम्बे टू गोआ ऑफर की थी। मीडिया में चाहे दोनों के रिश्ते पर कुछ भी कहा गया हो लेकिन अरुणा ने हमेशा से ही महमूद को अपना अच्छा दोस्त बताया है।
40 की उम्र में संदेश कोहली से की शादी
अरुणा ईरानी अपनी शादी को लेकर भी काफी चर्चा में रही। उन्होंने 40 साल की उम्र में शादीशुदा फिल्म डायरेक्टर कुक्कू कोहली से शादी की थी। जिन्हे संदेश कोहली के नाम से भी जाना जाता है। शादी के दौरान न केवल संदेश शादीशुदा थे, बल्कि उनके बच्चे भी थे इसके बावजूद अरुणा ने उन्हें अपना हमसफ़र चुना था। हालांकि संदेश और अरुणा संतान का सुख नहीं भोग सके। इसके पीछे की वजह खुद अरुणा ईरानी है। दरअसल, शादी के बाद उन्होंने खुद कभी मां न बनने का फ़ैसला लिया था।