पिरियड्स में कोरोना वैक्सीन लगाना कितना सेफ है? जाने एक्सपर्ट्स की राय
कोरोना वायरस (Coronavirus) इतनी आसानी से जाने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे देश में इसकी वजह से मुश्किलें आ रही है। ऐसे में इस वायरस से बचने का एकमात्र तरीका वैक्सीनेशन है। 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र वालों को वैक्सीन लगना भी शुरू हो गई है। इस बीच सोशल मीडिया पर वैक्सीन को लेकर कई तरह की गलत अफवाहें फैलाई जाई रही है। जैसे पिरियड्स में वैक्सीन लगवाने से महिलाओं को कई तरह की समस्याएं आ सकती है, वैक्सीन के बाद महिलाओं को मां बनने में दिक्कत आ सकती है इत्यादि। तो चलिए एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि इन अफवाहों में कितना दम है।
सोशल मीडिया की अफवाहों की माने तो पीरियड्स में वैक्सीन लगवाने से महिलाओं की फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है। इसकी वजह से भविष्य में यदि वह मां बनना चाहें तो उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसके पीछे लोग तर्क दे रहे हैं कि पिरियड्स में वैसे ही महिलाओं की इम्यूनिटी कम होती है, ऐसे में यदि वे वैक्सीन लगाती हैं तो प्रॉब्लम आ सकती है। दरअसल वैक्सीन पहले इम्यूनिटी कम करती है फिर उसे बढ़ाती है। इसलिए सोशल मीडिया के अनुसार ये पिरियड्स में वैक्सीन सेफ नहीं है।
लेकिन डॉक्टर्स की माने तो इस अफवाह में कोई दम नहीं है। पीरियड्स के दौरान वैक्सीन लगवाना पूरी तरह से सेफ है। इसे लगवाने पर महिलाओं को मां बनने में कोई दिक्कत नहीं आती है। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट की माने तो अभी तक कोई भी ऐसा डेटा प्राप्त नहीं हुआ है जिसमें कोरोना वैक्सीन और पीरियड्स में होने वाले बदलाव के बीच किसी तरह का कोई संबंध हो।
कुछ महिलाओं को ये भी डाउट है कि क्या कोरोना वैक्सीन उनके पीरियड के साइकिल पर कोई असर डालती है। इसका जवाब ये है कि इस विषय पर भी अभी तक कोई ऐसी जानकारी नहीं मिली है जिसमें ये साबित हुआ हो कि कोरोना वैक्सीन का असर पीरियड के साइकिल पर पड़ा हो।
अब कुछ गर्भवती महिलाएं भी सोच रही हैं कि क्या वे वैक्सीन लगवा सकती हैं? अमेरिका के यूएसए सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (US CDC) की स्टेडी के अनुसार मॉडर्न और फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सेफ है। लेकिन कोरोना वैक्सीन को अभी तक प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए स्वीकृत नहीं मिली है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई निर्णय लें।
डॉक्टर्स की सलाह यही है कि महिलाएं वैक्सीन लगवाने के बाद पौष्टिक खाना खाएं और व्यायाम करें। आठ घंटे की अच्छी नींद लें और ज्यादा काम न करें।