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17 साल की गुमनामी के बाद चमकी थी नदीम-श्रवण की जोड़ी, गुलशन कुमार की मौत से बर्बाद हुआ था करियर

बॉलीवुड में कई लोग अपनी किस्मत आज़माने आते है लेकिन बहुत ही किस्मत वाले होते है जिन्हे मौका मिल पाता है. कुछ को टेलेंट होने के बाद भी मौका नहीं मिलता है. वहीं कुछ लोगों के लिए इंडसट्री के ही लोग भगवान बनकर सामने आते है. इन्ही में से एक जोड़ी है संगीतकार नदीम-श्रवण (Nadeem Shravan) की. अब यह जोड़ी भी टूट गई है. श्रवण राठौड़ (Shravan Rathod) ने कोरोना से जूझते हुए 22 अप्रैल कोडैम तोड़ दिया. हालांकि ये बात अलग है दोनों ने साथ काम करना सालों से बंद कर दिया था. लेकिन दोनों हमेशा अच्छे दोस्त बने रहे थे.

कई सुपरहिट फिल्मों में संगीत देने वाले नदीम-श्रवण के लिए कामयाबी का रास्ता इतना आसान नहीं था. दोनों ने ही इस मुजाम जिओ हासिल करने के लिए काफी मेहनत की थी. आज हम आपको इन दोनों की जिंदगी से जुड़े ऐसे किस्से बताने जा रहे है, जो शायद आपमें से शायद किसी को पता ही नहीं होंगे. ये संगीतकार जोड़ी बॉलीवुड में लगभग 17 सालो तक गुमनाम रही और फिर 1 गाने से देश में रातों रात चमक गई. इतना ही नहीं हर डायरेक्टर-प्रोड्यूसर इनका दीवाना हो चुका था और अपनी फिल्म में इन्हीं से संगीत चाहता था.

आपको पता नहीं होगा आशिकी जैसी सुपरहिट फिल्म जो अपने गानों के लिए जानी जाती है. उस फिल्म को सिर्फ इसलिए बनाया गया था ताकि उसमे पहले से बने तैयार उन गानों को डाला जा सके. मतलब ये कि ये फिल्म सिर्फ गानों के लिए बनाई गई थी. आशिकी फिल्म के सारे गाने पहले से एक एल्बम के लिए तैयार किए जा चुके थे. इन्हे सुनकर महेश भट्ट इतने खुश हो गए कि उन्होंने फिल्म बनाने का फैसला ले लिया था.

नदीम-श्रवण की जोड़ी 70 के दशक से अपने संगीत के लिए जानी जाती थी. इस दौरान उनकी किस्मत कुछ उनका साथ नहीं दे रही थी. दोनों ही जिस भी फिल्म में संगीत देते थे वह फिल्म फ्लॉप हो जाया करती थी. इसी वजह से दोनों परेशान रहने लगे. इसके बाद दोनों ने तय किया कि अब वह कभी किसी फिल्म के लिए संगीत नहीं देंगे बल्कि अपना खुद का एल्बम तैयार करेंगे. इसके बाद इन दोनों ने साथ मिलकर कई सारे गाने बनाए. सिंगर अनुराधा पौडवाल भी इन लोगों के लिए सांग रिकॉर्ड कर रही थी इसी दौरान उन्होंने इन दोनों के बारे में उस समय के भजन सम्राट गुलशन कुमार को इनके बारे में बताया.

इसके बाद गुलशन कुमार ने नदीम-श्रवण से मुलाकात की और उनके तैयार किये हुए कुछ गाने सुने. उन्हें वे काफी पसंद आये. उन्होंने उन दोनों से उसी तरह के 8 बेस्ट गाने देने के लिए कहा. इस पर नदीम ने उनसे कहा कि आप इन सांग्स पर फिल्म नहीं बनाएंगे. गुलशन कुमार ने भी उनकी बात मान ली. इसके बाद नदीम-श्रवण ने जो गाने तैयार किये उनमे ‘नजर के सामने’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘मैं दुनिया भुला दूंगा’ और ‘धीरे-धीरे से मेरी जिंदगी में आना’ जैसे सांग्स शामिल थे.

इन गानों के तैयार होने के बाद गुलशन कुमार और अनुराधा पौडवाल ने इन्हे सुना भी. बाद में अनुराधा ने उन्हें फोन करके कहा कि ये गाने सभी को पसंद आ रहे है. अब इन पर फिल्म बनाई जायेगी. इन्हीं गानों से खुश होकर महेश भट्ट ने फिल्म बनाने की सोची थी. महेश भट्ट ने दोनों से कहा कि इनमे से चार गाने में ले रहा हूँ, मुझे 2 गाने और सिचुएशन के हिसाब से बना कर दो. महेश भट्ट ने इस जोड़ी को फोन पर ही फिल्म सुना दी. इन दोनों ने इस हिसाब से गाने तैयार किये.

ये दोनों ही सुपरहिट गाने थे ‘सांसों की जरूरत है जैसे’ और ‘अब तेरे बिन जी लेंगे हम’. फिर क्या था इस फिल्म के आते ही ये दोनों रातों रात स्टार बन गए थे. ज्ञात हो कि इस म्यूजिकल जोड़ी ने ‘आशिकी’, ‘साजन’, ‘सड़क’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘साथी’, ‘दीवाना’, ‘फूल और कांटे’, ‘हम हैं राही प्यार के’, ‘राजा हिंदुस्तानी’, ‘जान तेरे नाम’ ‘रंग’, ‘राजा’, ‘धड़कन’, ‘परदेस’, ‘दिलवाले’, ‘राज’, ‘अंदाज’, ‘बरसात’, ‘सिर्फ तुम’, ‘कसूर’, ‘बेवफा’ जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया है.

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