फ़िरोज़ खान और विनोद खन्ना की दोस्ती, एक ही बीमारी ने एक ही दिन दोनों को मौत की नींद सुलाया था
बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक कई अभिनेता आए है. कई कलाकारों ने अपने यादगार अभिनय से सभी का दिल जीता है. इन्ही में से 70 से 80 के दशक में ऐसे भी अभिनेता थे जिन्होंने न केवल अपने काम से बल्कि अपने लुक्स और नेचर से भी सभी का दिल जीता था. हम बता कर रहे है एक्टर विनोद खन्ना (Vinod Khanna) और फिरोज खान (Feroz Khan) की दोस्ती के बारे में. इन दोनों ही अभिनेताओं के फ़िल्मी दुनिया मे कोई गॉड फादर नहीं था. दोनों ने ही अपनी मेहनत से अपना नाम कमाया था.
इनमे से विनोद खन्ना (Vinod Khanna) को तो उस दौर का सबसे बड़ा स्टार माना जाता था. उन्हें उस वक़्त अभिताभ बच्चन से भी बड़ा दर्जा दिया जाता था. कहा जाता है अगर विनोद खन्ना (Vinod Khanna) बीच में ही संन्यास लेकर नहीं जाते तो उनका नाम अमिताभ बच्चन से काफी बड़ा होता. विनोद खन्ना और फिरोज खान की दोस्ती के किस्से उस समय काफी मशहूर हुए करते थे. इन दोनों ने एक ही डेट को इस दुनिया को अलविदा भी कहा था. दोनों की ही डेथ एनिवर्सिरी 27 अप्रैल को होती है.
फिरोज खान की मौत 2009 में हुई थी वहीं इसके लगभग 8 साल बाद वर्ष 2017 में उनके दोस्त विनोद खन्ना ने आखरी सांस ली थी. इन दोनों ही अभिनेताओं ने कई फिल्मे एक साथ की थी. कुर्बानी फिल्म इन दोनों की ही सबसे यादगार फिल्म में से एक थी. बॉलीवुड के बॉक्स ऑफिस पर भी इस फिल्म ने काफी सुर्खिया बटोरी थी. इस फिल्म में लीड एक्ट्रेस के रूप में जीनत अमान (Zeenat Aman) थी.
आपको जानकर हैरानी होगी कि दोनों ही जिगरी दोस्त की मौत कैंसर की वजह से हुई थी. फिरोज को फेफड़े का कैंसर था, वहीं विनोद खन्ना को ब्लैडर कैंसर था. 1976 में आई फिल्म ‘शंकर शंभू’ में फिरोज खान और विनोद खन्ना एक साथ अभिनय करते हुए नजर आए थे. इस फिल्म के दौरान दोनों की ही जोड़ी को बहुत पसंद किया गया था. 1980 में आई फिल्म ‘कुर्बानी’ में भी दोनों को एक साथ देखा गया था. इसका डायरेक्शन भी फिरोज खान ने किया था.
इस फिल्म में विनोद खन्ना के अलावा अमरीश पुरी, अमजद खान, जीनत अमान, कादर खान, शक्ति कपूर और अरुणा ईरानी जैसे एक्टर्स भी शामिल थे. फिल्म हिट साबित हुई और इसी फिल्म से दोनों की दोस्ती भी काफी मजबूत हुई थी. इसके बाद फिरोज खान अपने प्रोडक्शन की अगली फिल्म जांबाज (1986) में भी विनोद को ही लेना चाहते थे. मगर बाद में इस फिल्म में लीड रोल अनिल कपूर ने निभाया था.
इस दौर में अचानक ही विनोद ओशो की शरण में चले गए थे और उनके आश्रम में माली का काम करते थे. ओशो आश्रम से जुड़े विवादों के बाद जब वे बॉलीवुड में अपनी दूसरी पारी का आगाज़ करने के लिए तैयार थे. इस दौरान उनके दोस्त फिरोज ने उनकी मदद की थी. इस दौरान फ़िरोज़ ने उनके साथ दयावान (1988) साइन की थी. इस फिल्म में माधुरी दीक्षित मुख्य किरदार में थी. इन दोनों ही दोस्तों ने 3 फिल्मों में साथ काम किया था. 27 अप्रैल, 2009 को लंग कैंसर से फिरोज खान का निधन हुआ तो 27 अप्रैल, 2017 को ब्लैडर कैंसर की वजह से विनोद खन्ना भी दुनिया को छोड़ चले थे.