85% फेफड़ों में था इन्फेक्शन, लड़की ने फिर भी नहीं मानी हार, ऐसे कोरोना को हरा रही है
कोरोना महामारी थमने का नाम नहीं ले रही है। एक दिन में लाखों केस सामने आ रहे हैं। यह वायरस तब और भी खतरनाक हो जाता है जब फेफड़ों में इसका इन्फेक्शन होने लगता है। कोरोना वायरस के चलते लोगों के मन में डर और निराशा भरी रहती है। ये चीज आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। यदि आप पॉजिटिव रहेंगे तो आपके ठीक होने के चांस भी बढ़ जाएंगे। अब इंदौर शहर की रुचि खण्डेलवाल का केस ही ले लीजिए।
रुचि के फेफड़ों में 85% इन्फेक्शन फेल चुका था। डॉक्टर्स भी जवाब दे चुके थे। लेकिन रुचि ने हार नहीं मानी। वे इच्छा शक्ति और हौसले से कोरोना को हरा रही हैं। उनके जज्बे के आगे कोरोना को भी घुटने टेकने पड़े। रुचि का इन्फेक्शन महज दो दिनों में 85% से 55% तक आ गया। उन्होंने अपना अनुभव भी सोशल मीडिया पर साझा किया है। इसमें वे बताती हैं कि कैसे कोरोना मरीज ऑक्सीजन लेवल बढ़ा खुद को जल्द ठीक कर सकते हैं।
इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती रुचि खंडेलवाल बताती हैं कि वह अपनी इच्छा शक्ति के बल पर बीमारी को मात देने के करीब पहुंची हैं। वे कहती हैं कि हमे यह सोच लेना चाहिए कि हम पूरी तरह से ठीक हैं। हमे कोई बीमारी नहीं है। यदि बीमारी दिमाग में घर कर जाए तो आप टूट जाते हैं। फिर इस स्थिति में दवा भी काम नहीं करती है।
प्रोन वेंटिलेशन के बारे में भी जानकारी देते हुए रुचि बताती है कि फेफड़ों का आकार सामने पतला होता है। इसके आगे डील होता है। वहीं पीठ पर फेफड़ों की बनावट चौड़ी होती है। यही वजह है कि संक्रमण होने पर सामने वाला भाग अधिक डैमेज होता है। इस स्थिति में मरीज को पेट के बल लेटना चाहिए। इससे फेफड़ों के निचले भाग का इस्तेमाल होने लगता है। यह क्रिया आपके शरीर की ऑक्सीजन मात्रा बढ़ा देती है।
रुचि बताती है कि जानवर भी इसी प्रक्रिया (पेट के बल लेटकर) सांस लेते हैं। इस कारण उनमें संक्रमण नहीं होता है। पेट के बल लेटेने पर कफ नीचे की तरफ आता है और पेट के माध्यम से माल के द्वारा बाहर निकल जाता है।
रुचि ने एक और टिप्स शेयर की। उन्होंने कहा कि आप बैलून फुलाने का अभ्यास कर भी अपने फेफड़ों को मजबूत कर सकते हैं। गुब्बारे फुलाना फेफड़ों का अच्छा व्यायाम होता है। इसके अतिरिक्त आप योगा और प्रणायाण भी इन्फेक्शन को कम कर सकते हैं।
ये इंदौर की रुचि खंडेलवाल है ,जो अरबिंदो हॉस्पिटल में भर्ती है , इनके लंग्स 85 % तक संक्रमित हो गए थे लेकिन इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अब तेजी से ठीक हो रही है , सुनिए कैसे रुचि अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से कोरोना को मात दे रही है pic.twitter.com/yEDHJNyq7V
— Rahul Moree (@RahulMoree) April 23, 2021
आशा करते हैं कि आपको रुचि की यह प्रेरणादायक कहानी पसंद आई होगी। इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि बाकी लोग भी इससे प्रेरित होकर खुद को ठीक कर सके।