Breaking news

साथ जीने मरने की कसम सच में पूरा कर गया दंपति, पत्नी की अर्थी उठने से पहले पति ने त्यागे प्राण

पति पत्नी का रिश्ता बड़ा ही प्यारा होता है। जब दोनों की शादी होती है तो वे साथ जीने और मरने की कसमें खाते हैं। कुछ लोगों के लिए ये बस कहने की बात है, लेकिन झारखंड के पलामू में एक कपल ने साथ जीने और मरने की कहावत को सच साबित कर दिया। यहां पहले पत्नी का देहांत हुआ। बीवी की मौत पति बर्दाश्त नहीं कर पाया और सदमे में उसने भी अपने प्राण त्याग दिए।

यह पूरा मामला पलामू जिले के मेदिनीनगर शहर के ​​​छतरपुर थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। यहां कपड़ा कारोबारी विश्वनाथ गुप्ता की पत्नी लीलावती देवी (62) का बीते सोमवार निधन हो गया। वे पिछले काफी समय से बीमार चल रही थी। उनकी मौत के साथ ही परिवार में मातम छा गया। सभी अंतिम संस्कार की तैयारियों में व्यस्त हो गए। इस बीच लीलावती के पति विश्वनाथ गुप्ता की तबीयत भी अचानक बिगड़ने लगी। ऐसे में परिजनों ने अंतिम संस्कार थोड़ी देर रुकवा दिए और उन्हें विश्वनाथ को अस्पताल ले गए।

हॉस्पिटल पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्होंने उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया। शायद पत्नी के मौत का गम वे सहन नहीं कर पाए थे इसलिए हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। इस तरह पत्नी कि अर्थी घर से उठने से पहले ही पति ने अपने प्राण त्याग दिए। जब दोनों की अर्थी एक साथ उठी तो इसे देख लोग प्यार और बलिदान की बातें करने लगे। परिजनों ने दोनों का अंतिम संस्कार एक साथ ही किया।

मृत दंपति के चार बेटे और तीन बेटियां हैं। वे बताते हैं कि विश्वनाथ और लीलावती आपस में बहुत प्रेम करते थे। बुढ़ापे में भी दोनों के बीच बहुत प्यार था। उनके प्रेम का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वे एक दूसरे के बिना खाना तक नहीं खाते थे। फिर दोनों को भले घंटों इंतजार करना पड़ जाए। परिजनों ने दोनों का अंतिम संस्कार  छतरपुर के मन्देया नदी तट पर किया है।

इस दंपति को एक साथ जाता देख हर किसी की आंखें नम हो गई। हर तरफ इनके प्यार के ही चर्चे हो रहे थे। लोग इनके प्रेम की मिसाल देने लगे। वहीं कइयों ने कहा कि काश हमे भी ऐसा ही जीवनसाथी मिले। ये कपल उन सभी लोगों के लिए एक मिसाल था जो कहते हैं कि शादी के कुछ सालों बाद ही प्रेम खत्म हो जाता है। ऐसा नहीं है। यदि आप चाहें तो मरते दम तक एक दूसरे से प्रेम कर सकते हैं।

Back to top button