हनुमान जी को इस वजह से चढ़ाई जाती है तुलसी की माला, पढ़ें ये रोचक कथा
आज पूरे भारत में हनुमान जयंती मनाई जा रही है। शास्त्रों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के दिन ही बजरंगबली का जन्म हुआ था। इस साल चैत्र पूर्णिमा 27 अप्रैल को है। खास बात ये है कि इस बार चैत्र पूर्णिमा के दिन मंगलवार पड़ रहा है। मंगलवार का दिन बजरंगबली का दिन माना गया है और इस दिन इनकी पूजा जरूर करनी चाहिए।
इस तरह से करें बजरंगबली को प्रसन्न –
तुलसी की माला करें अर्पित
हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करने से कष्टों का अंत हो जाता है और हनुमान जी हर मनोकामना को पूरा कर देते हैं। हनुमान जी की अराधना करते हुए इन्हें बूंदी का भोग जरूर लगाएं और तुलसी की माला भी अर्पित करें। हनुमान जी को तुलसी की माला चढ़ाना बेहद ही फलदायक माना जाता है। ये माला इन्हें चढ़ाने से एक कथा भी जुड़ी हुई है जो कि इस प्रकार है।
एक बार मां सीता भोजन बना रही थी। तभी वहां हनुमान जी आ गए और उन्होंने मां सीता से कहा कि मुझे बहुत तेज भूख लग रही है, कृपा माता मुझे खाना खाने को दे दो। मां सीता ने बिना देरी किए हनुमान जी को खाना दे दिया। लेकिन हनुमान जी का पेट नहीं भरा। पूरा खाना खत्म होने पर भी वो ओर भोजन मांगने लगे। तब सीता मां ने राम जी से मदद मांगी और कहा कि मैं कैसे हनुमान जी की भूख को शांत करूं। राम जी ने सीता मां को कहा कि तुम बस हनुमान को खाने में एक तुलसी का पत्ता दे दों। तुलसी का पत्ता खाने से इनकी भूख शांत हो जाएगी। मां ने तुंरत हनुमान जी की थाली में एक तुलसी का पत्ता रख दिया। इस पत्ते को खाते ही हनुमान जी की भूख शांत हो गई। तभी से हनुमान जी को तुलसी का पत्ता व माला अर्पित करने की प्रथा चली आ रही हैं।
बूंदी के लड्डू
जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा होने पर हनुमान जी को बूंदी का भोग लगा दें। लाल रंग की बूंदी बजरंगबली को बेहद ही प्रिय है। बूंदी के लड्डू या बूंदी चढ़ाने से सभी ग्रह बाधाओं का नाश होता है। बंदू के अलावा आप हनुमान जी को बेसन के लड्डूों भी अर्पित कर सकते हैं।
चढ़ाएं फूल
हनुमान जी को लाल और पीला रंग अतिप्रिय है। इसलिए इनकी पूजा करते हुए इन्हें लाल या पीले रंग के फूल अर्पित करें। हनुमान जी की गुड़हल, गेंदा, गुलाब या कमल का फूल चढ़ाने से ये हर कामान को पूर्ण कर देते हैं।
पढ़ें हनुमान चालीसा
हनुमान जी के साथ भगवान राम व माता की भी पूजा करनी चाहिए। हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। ये पाठ करने से पहले राम भगवान और सीता मां का नाम लें। उसके बाद इस पाठ को शुरू कर दें। वहीं पाठ खत्म होने के बाद भी इनका नाम जपें। माना जाता है कि ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं और हर कामना को पूर्ण कर देते हैं।
सिंदूर चढ़ाएं
हनुमान जी की प्रतिमा के सामने राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें और इन्हें सिंदूर अर्पित करें। इस सिंदूर को अपने साथ घर ले आएं और अपने बिस्तर के नीचे रख दें। ऐसा करने से भय और डर से मुक्ति मिल जाएगी।