भारतीय सेना ने ले लिया जवानों का बदला, बॉर्डर पर जवाबी कार्रवाई में उड़ाए पाकिस्तान के 7 बंकर!
इंडियन आर्मी अपने दुश्मनों से बदला लेना बहुत अच्छी तरह से जानती है, बीते कुछ समय से भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थितियां असामान्य हैं, आये दिन गोलीबारी और सीजफायर का उल्लंघन हो रहा है, जनसत्ता में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक पाकिस्तान औसत रूप से दिन में एक बार सीजफायर का उल्लंघन जरूर करता है. भारत भी पाकिस्तान को करारा जवाब देता है मगर शुरुआत हमेशा उधर से ही होती है.
पाकिस्तान के कई सैनिक बंकर ध्वस्त :
आपको बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन का भारत ने करारा जवाब दिया है, जम्मू कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में भारत की तरफ से जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई सैनिक बंकर ध्वस्त हो गए. भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के बंकरों पर जबरदस्त गोलीबारी कर उन्हें ध्वस्त कर दिया. इसबार भी सीजफायर का उल्लंघन पहले पकिस्तान ने किया जिसके जवाब में भारतीय सेना ने गोलीबारी की. भारत ने जवाबी कार्रवाई में एंटी गाइडेड मिसाइल का प्रयोग भी किया.
अंग्रेजी के न्यूज चैनल टाइम्स नाउ द्वारा दिखाए गए एक वीडियो में इस बात की पुष्टि होती है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के कई बंकरों को नेस्तोनाबूत कर दिया है, वीडियो में सेना का जवान अपने सीनियर अधिकारी से बात कर रहा है और बता रहा है कि किस तरह से उसका निशाना बिल्कुल ठीक लग रहा है और पाकिस्तानी सेना के बंकर ध्वस्त हो रहे हैं.
कुछ मीडिया रिपोर्ट मी बताया गया है कि भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में 7 धमाके किये जिनमें कम से कम 7 बंकरों के ध्वस्त होने की बात कही जा रही है, 60 सेकंड के इस वीडियो को देखने के बाद आपको लगेगा कि भारतीय सेना ने बीते दिनों कृष्णा घाटी क्षेत्र में अपने दो जवानों की हत्या और उनके शारीर के साथ बर्बरता करने का बदला ले लिया है.
आपको बता दें कि बीते 1 मई को पाकिस्तान ने सीजफायर की आड़ में दो भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी थी, उसके बाद पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम और आतंकियों ने मिलकर सैनिकों के शवों के साथ अमानवीयता की थी. भारतीय सेना ने अपने सैनिकों की हत्या का बदला ले लिया. आज सेना की जवाबी कार्रवाई में न सिर्फ पाकिस्तान के सात बंकर ध्वस्त हुए बल्कि पाकिस्तान रेंजर्स के 7 जवानों के मरने की भी खबर आई है. आपको बता दें कि कृष्णा घाटी में हुई घटना के बाद पीएम मोदी और भारत सरकार ने सेना को कार्रवाई करने की खुली छूट दी थी.