आज है हिन्दू नव वर्ष की प्रथम एकादशी, इस दिन कर लें ये काम खुल जाएगा भाग्य
चैत्र शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। ये हिन्दू नव संवत्सर 2078 की पहली एकादशी होती है। इस साल ये एकादशी 23 अप्रैल को आ रही है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार कामदा एकादशी का व्रत करने भगवान विष्णु जी की कृपा बन जाती है और हर मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। कामदा एकादशी के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ होता है और ऐसा करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है।
कामदा एकादशी व्रत मुहूर्त
एकादशी तिथि का प्रारंभ 22 अप्रैल दिन गुरुवार को देर रात 11 बजकर 35 मिनट से हो जाएगा। जबकि इसका समापन 23 अप्रैल दिन शुक्रवार को रात 09 बजकर 47 मिनट पर होगा। पारण मुहूर्त – 24 अप्रैल को प्रात: 05 बजकर 47 मिनट से सुबह 08 बजकर 24 मिनट तक है।
कामदा एकादशी व्रत का महत्व
कामदा एकादशी हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी होती है। इसलिए इसका महत्व काफी अधिक होता है। इस दिन भगवान वासुदेव की कृपा पाने के लिए व्रत रखा जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो भक्त कामदा एकादशी व्रत करते हैं और इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करते हैं। उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
पूजा विधि
1.कामदा एकादशी के दिन सुबह उठकर सबसे पहले घर को अच्छे से साफ कर दें। उसके बाद स्नान कर लें। हो सके तो नहाने के पानी में गंगा जल मिला दें।
2.नहाने के बाद पूजा घर की सफाई करें और चौकी स्थापित कर दें। इस चौकी पर वस्त्र बिछा दें और विष्णु जी की मूर्ति की स्थापना कर दें। मूर्ति के पास एक दीपक जला दें और भगवान को फल और फूल अर्पित करें।
3.पूजा करते हुए एकादशी व्रत का संकल्प लें। संकल्प लेने के लिए अपने हाथ में थोड़ा सा जल और फूल लें। मन में व्रत रखने का संकल्प धारण करें। साथ में ही अगर कोई मनोकामना है तो उसे भी मन में बोल दें। माना जाता है कि संकल्प धारण करते हुए जो मनोकामना मन में बोली जाती है वो पूर्ण हो जाती है।
4.पूजा करते हुए जिस भी चीज का भोग आप लगा रहे हैं, उसके अंदर तुलसी का एक पत्ता जरूर डाल दें।
5.एकादशी के दिन खाने की चीजों का दान जरूर करें। इस दिन नहाने के बाद पूजा करें और फिर किसी गरीब व्यक्ति को खाना या पैसा दान करें।
जरूर करें तुलसी का पूजन
एकादशी के दिन तुलसी का पूजन जरूर करें। मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु जी को तुलसी का पौधा काफी प्रिय होता है। इसलिए जो लोग इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं। उनसे भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं। एकादशी की सुबह व शाम को तुलसी के सामने दीपक जरूर जलाना चाहिए। हालांकि इस बात का ध्यान रखें की तुलसी का पत्ता इस दिन न तोड़ें। एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता तोड़ने से पाप चढ़ जाता है।
एकादशी के नियम
- दशमी तिथि की रात्रि में सात्विक भोजन करें।
- पूरे दिन समय-समय पर भगवान विष्णु का स्मरण करें।
- रात में पूजा स्थल के समीप ही रहें और केवल जमीन पर ही बैठें।
- एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी को व्रत का पारण करना चाहिए।
- एकादशी व्रत पारण मुहुर्त में व्रत खोलें।
- ब्राह्मणों को भोजन और दान दक्षिणा देने का बाद ही खुद से खाना ग्रहण करें।