40 के दशक में किसिंग सीन देकर लोगों को पागल कर दिया था इस अभिनेत्री ने, अब तक नहीं टूटा रिकॉर्ड
बॉलीवुड में ऐसे अभिनेता और अभिनेत्रियों की कई कहानिया है जो पर्दें पर सफल तो रही है लेकिन अपनी निजी जिंदगी में कभी सफल नहीं हो पाई है. उन्होंने अपनी निजी जिंदगी में कई तरह की प्रताड़ना झेली है. आज तो महिलाए हर मुद्दे पर बात खुलकर रखती है लेकिन 60 के दशक में महिलाएं सिर्फ रिश्तों में बंधी रह जाती थी. उस समय ऐसा हाल कुछ अभिनेत्रियों के साथ भी होता था.
उस समय की एक अभिनेत्री थी देविका रानी हम आज उन्ही के बारे में बात करने जा रहे है. देविका रानी मधुबाला, नरगिस और मीना कुमारी जैसी अभिनेत्रियों से भी पहले की एक्ट्रेस थीं. या यूँ कहे बॉलीवुड की सबसे पहली अभिनेत्री थी. देविका रानी ने एक से बढ़कर एक फिल्में दी थीं. देविका रानी उस समय देश में चर्चे में आ गई जब उन्होंने अपनी एक फिल्म में बेहद ही बोल्ड किसिंग सीन दिया था. इसी के उलट इस अभिनेत्री ने अपनी निजी जिंदगी में काफी प्रताड़ना झेली थी.
देविका रानी ने भारत के पहले फिल्म स्टूडियो ‘बॉम्बे टॉकीज’ की को-फाउंडर बनकर महिलाओं के लिए एक नया आयाम सेट किया था. भारत के उस दौर में देविका एक बेहद ही आज़ाद ख्यालों वाली महिला थी. देविका ने अपने फिल्मी करियर में बुलंदियों के आसमान को छुआ था. इसी बीच साल 1928 में देविका की मुलाकात हिमांशु राय से हुई. हिमांशु उस वक़्त अपनी पहली एक्सपेरिमेंटल साइलेंट फिल्म ‘ए थ्रो ऑफ़ डाइस’ पर काम कर रहे थे.
देविका भी किसी तरह इस फिल्म से जुड़ गई थी वह इसके लिए कॉस्टयूम डिजाइनर का काम कर रही थी. हालांकि हिमांशु और देविका की उम्र में लगभग 16 साल का अंतर था. लेकिन ये दोनों ही काम करते करते एक दूसरे के प्यार में पड़ने लगे थे. इसके बाद दोनों ने 1929 में एक-दूसरे से शादी कर ली. शादी के बाद ये दोनों बर्लिन रहने के लिए चले गए.
बर्लिन में रहने के दौरान देविका-हिमांशु ने जर्मन मोशन पिक्चर प्रोडक्शन कंपनी ‘यूएफए स्टूडियोज’ से काम सीखा और इसके साथ ही उन्होंने कई बड़े बड़े डायरेक्टर्स के अंडर फिल्ममेकिंग की ट्रेनिंग भी ली. यहाँ से दोबारा भारत आने के बाद साल 1933 में रानी ने अपनी पहली फिल्म ‘कर्मा’ से एक्टिंग इंडस्ट्री में अपना डेब्यू किया. अपने करियर की पहली ही फिल्म में देविका रानी ने भारत में तूफ़ान ला दिया था.
इस फिल्म में उनके साथ उनके पति हिमांशु रॉय थे. देविका ने इसमें एक सीन के दौरान तकरीबन चार मिनट का किसिंग सीन दिया था. यह अब तक का सबसे बड़ा किसिंग सीन है. देविका रानी की इस फिल्म का प्रीमियर इंग्लैंड में हुआ था. वहां इसे बेहद ही पसंद किया गया था. इसके बाद इस फिल्म को दोबारा से भारत में ‘नागिन की रागिनी’ नाम से रिलीज़ किया गया था. हालांकि भारत में ये फ्लॉप रही थी.
देविका रानी ने इसी साल 18 एकड़ में फैले ‘बॉम्बे टॉकीज’ की स्थापना भी की थी. किश्वर देसाई की लिखी किताब ‘द लॉन्गेस्ट किस’ में लेखक ने इस अभिनेत्री की निजी जिंदगी से जुड़े कई खुलासे किये है. देविका को अपनी पहली शादी में काफी प्रताड़ना सहना पड़ी थी. उन्हें मेंटली तोड़ा गया था. देविका रानी ने दूसरी शादी 1945 में रूसी पेंटर स्वेतोस्लाव रोएरिच से की थी. 9 मार्च 1994 को भारतीय सिनेमा की यह पहली एक्ट्रेस दुनिया को अलविदा कह चली थी.