हीरो न होते हुए भी सिर्फ पांच मिनिट की मोजुदगी से फिल्मों को हिट करवा देते थे ये बेहतरीन अभिनेता
भारत के सिनेमा में अक्सर फिल्मों के लिए मुख्य अभिनेता और अभिनेत्री को श्रेय दिया जाता है. लेकिन किसी भी फिल्म के सफल होने के लिए हर एक कलाकार बराबर रूप से जिम्मेदार होता है. कई कलाकार अपने सिर्फ 5 से 10 मिनिट के रोल में ऐसी जान डाल देते थे कि पूरी फिल्म चल निकलती थी.
मेहर मित्तल
मेहर मित्तल हिंदी सिनेमा में नहीं देखें गए है. लेकिन मित्तल साहब पंजाबी सिनेमा के कॉमेडी किंग माने जाते थे. एक समय ऐसा भी था जब एक भी पंजाबी फिल्म इनके बिना नहीं बनाई जाती थी. पंजाब बठिंडा के एक गांव में 1935 को जन्में इस एक्टर ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. अपने करियर के शुरूआती दौर में मित्तल साहब वकालत किया करते थे, लेकिन बाद में वह एक्टिंग की फिल्ड में आ गए.
ब्रह्मानंदम
ब्रह्मानंदम ये एक ऐसे स्टार है जिन्हे भारत का बच्चा-बच्चा भी जानता है. साउथ फिल्मों की हिंदी डबिंग का चलन जब शुरू हुआ तो ब्रह्मानंदम को उतर भारत में भी काफी लोग पहचानने लगे. यह साउथ की अमूमन हर फिल्म में कॉमेडियन का किरदार प्ले करते नज़र आते है. साउथ की अधिकार फिल्में इनके बिना नहीं बनती है. ब्रह्मानंदम का जन्म 1 फरवरी, 1956 को आंध्र प्रदेश के गुंटूर में हुआ था
कन्हैयालाल चतुर्वेदी
1940 के दशक के मशहूर फिल्म निर्देशक महबूब खान ने 1940 में एक फिल्म औरत बनाई थी. इस फिल्म में एक माँ की कहानी को दिखाया गया था. इस फिल्म में कन्हैयालाल चतुर्वेदी ने लाला सुखीराम नाम का किरदार निभाया था. महबूब खान इस फिल्म से संतुष्ट नहीं हुए थे. इसलिए उन्होंने इस फिल्म पर लगभग 17 साल बाद एक और फिल्म मदर इंडिया बनाई. कन्हैयालाल चतुर्वेदी इस फिल्म में भी थे. इन्होंने लगभग 150 फिल्मों में अपना अभिनय दिखाया था.
मनोरमा
अभिनेत्री मनोरमा के बिना बॉलीवुड को अधूरा माना जाता है. 80 के दशक में 1000 से ज़्यादा फिल्मों में काम करने के लिए इनका नाम गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है. मनोरमा ने अपने जीवन में 1500 से अधिक फिल्में तथा 500 से अधिक नाटकों में अभिनय किया था. मनोरमा को इंडस्ट्री में सब आची कह के पुकारते थे. इस अभिनेत्री ने पांच मुख्यमंत्रियों के साथ फिल्मों में अभिनय किया था.
अमरीश पुरी
अमरीश पुरी के बिना बॉलीवुड में खलनायकों का नाम अधूरा है. . 22 जून 1932 को पंजाब में जन्में अमरीश पुरी ने अपने अभिनय से बॉलीवुड में एक अलग पहचान बनाई थी. उनके बड़े भाई मदन पूरी भी एक अभिनेता ही थे. अमरीश पुरी ने कई फिल्मों में बड़े बड़े विलेन के किरदार निभाए थे. उन्होंने अपने फिल्मों करियर में कई उचाईयों को हासिल किया था. अमरीश पुरी ने अपने करियर में 400 से ज़्यादा फिल्में कीं है. 12 जनवरी 2005 को अमरीश पुरी इस दुनिया और सिनेमा को छोड़ चले.
निरूपा रॉय
निरूपा रॉय को देश बॉलीवुड की सबसें प्यारी माँ के रूप में जानता है. अमिताभ बच्चन भले ही तेजी बच्चन के बेटे हों, लेकिन फिल्मीं दुनिया में उन्हें निरूपा रॉय का बेटा ही माना जाता है. उस ज़माने में निरूपा रॉय ने अमिताभ बच्चन की कई फिल्मों में उनकी माँ का किरदार निभाया था. निरूपा रॉय ने लगभग 300 फिल्मों में अभिनय किया था.
जॉनी लीवर
जॉनी लीवर आंध्र प्रदेश के एक बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखते है. जॉनी अपना और अपने परिवार का पेट पालने मुंबई आया था. जानी ने शुरूआती दौर में तरह तरह के काम किए. फिल्मीं अभिनेतओं की नकल करते हुए सड़क पर पेन भी बेचे. हिंदुस्तान लीवर कंपनी में अपने पिता के साथ मजदूरी का काम भी किया. हिंदुस्तान लीवर कंपनी में काम करने के कारण ही उन्हें लीवर का नाम मिला. जॉनी लीवर के बिना 90 के दशक की कई फिल्में अधूरी ही लगती है.