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बैग के अंदर अपना दिल लटका कर घूमती है ये महिला, वजह जान दुख में भी मुस्कुराना सिख जाओगे

दिल इंसान के शरीर का सबसे जरूरी अंग होता है। यदि ये धड़कन बंद कर दे तो इंसान की जान जा सकती है। आमतौर पर लोगों का दिल उनके सीने के अंदर धड़कता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला से मिलाने जा रहे हैं जिसका दिल उसके सीने में नहीं बल्कि कंधे पर बैग में लटका रहता है। ये बात आपको सुनने में भले अटपटी लगे लेकिन ये सच है।

ब्रिटेन में सल्वा हुसैन नाम की 39 वर्षीय एक महिला रहती है। ये महिला बैग में अपना दिल लेकर घूमती है। दरअसल इस बैग में बैटरी से चलने वाला एक पंप और इलेक्ट्रिक मोटर है। ये चीज उनके दिल को चलाने का काम भी करती है। इसी के माध्यम से सांस उनके फेफड़ों तक जाती है। इससे उनके शरीर में रक्त संचार (ब्लड सर्कुलेशन) सुचारु रूप से कार्य करता है।

सल्वा हुसैन की ज़िंदगी सामान्य तरीके से ही चल रही थी। फिर एक दिन उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई। वे डॉक्टर के पास गई तो उन्होंने बताया कि आपको दिल की एक गंभीर बीमारी है। जब उनकी जांच हुई तो डॉक्टर्स इस नतीजे पर पहुंचे कि सल्वा का हार्ट ट्रांसप्लांट मुमकिन नहीं है, ऐसे में उनके पास सिर्फ आर्टिफिशियल दिल लगाने का ही ऑप्शन उपलब्ध है।

सल्वा को अपनी इस बीमारी का पता जुलाई 2017 में चला था। तब से लेकर अब तक वे इस आर्टिफिशियल दिल को कंधे पर लटकाए ही अपना जीवन जी रही हैं। वे शादीशुदा महिला हैं और उनके दो बच्चे भी हैं। डॉक्टरों ने उनके प्राकृतिक दिल को निकालकर उसकी जगह पीठ पर एक कृत्रिम प्रत्यारोपण के जरिए स्पेशल यूनिट टॉययर की है। वे इसे एक बैग में रखती है जिसमें बैटरी, एक इलेक्ट्रिक मोटर और एक पंप है। इस बैग में दो बड़े प्लास्टिक ट्यूब जोड़े गए है। ये ट्यूब उनकी नाभि से होते हुए फेफड़ों तक जाते हैं। इसी से उनके सीने में प्लास्टिक के चैंबर्स तक हवा पहुँचती है। इस तरह उनके पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन होता है।

बैग में रखी मोटर को हमेशा पॉवर मिलते रहना चाहिए। सेफ़्टी के लिए सल्वा के बैगपैक में बैटरी के दो सेट रखे हैं। जब एक बैटरी बंद पड़ जाती है तो उन्हें 90 सेकंड के अंदर ही दूसरी बैटरी लगानी पड़ती है। सल्वा को इस बात का डर अक्सर रहता है कि उनकी बैटरी बंद न हो जाए। लेकिन इतनी मुश्किलों के बावजूद वे अपने चेहरे पर मुस्कान रखती है। वे हिम्मत नहीं हारती हैं। उनकी यह सोच उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो दुख आने पर जल्दी निराश होकर हार मान लेते हैं।

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