क्या बच्चों की जान ले सकती है कोरोना वायरस की दूसरी लहर? जानिए बच्चों में कैसे लक्षण दिखते हैं
कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहले से ज्यादा खतरनाक है। अब मौत के आकड़े भी पहले की तुलना आमें अधिक बढ़ रहे हैं। पहले ये वायरस बुजुर्गों और किसी विशेष बीमारी से पीड़ित लोगों पर ज्यादा असर दिखा रहा था। लेकिन अब ये जवान लोगों और यहां तक की बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है।
बच्चों में कोरोना होने के बाद तेज बुखार और निमोनिया जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान बच्चों को इस वायरस से कोई गंभीर खतरा नहीं था। लेकिन दूसरी लहर में वायरस का म्यूटेशन हो चुका है। इस वजह से ये बच्चों को भी गंभीर रूप से बीमार कर रहा है। कुछ मामलों में बच्चे की मौत भी हो रही है।
सरकारी अस्पताल लोक नायक के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार बताते हैं कि हमारे हॉस्पिटल में अभी 8 ऐसे बच्चे भर्ती हैं जिनमें कोरोना के गंभीर लक्षण देखने को मिल रहे हैं। इनमें एक बच्चा महज 8 महीने का है बल्कि बाकी की उम्र 12 साल से कम है। इन बच्चों में डिहाइ़ड्रेशन, तेज बुखार, निमोनिया और स्वाद में कमी जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास रोज 20 से 30 ऐसे फोन आ रहे हैं जिनमें बच्चों को कोरोना हो गया है। ऐसे में कुछ लोग वीडियो कंसल्टेशन के लिए भी कान्टैक्ट कर रहे हैं। फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक अस्पतालों में वयस्कों के लिए तो वार्ड बने हैं लेकिन बच्चों के लिए कोई स्पेशल वार्ड नहीं है। इस कारण बच्चों के इलाज करने में काफी दिक्कत आ रही है।
डॉक्टर्स बच्चों का इलाज कफ और बुखार की दवाएं देकर कर रहे हैं। दरअसल उन्हें रेमडेसिविर जैसी एंटी-वायरल दवाएं या स्टेरॉयड नहीं दिए जा सकते हैं। बच्चों में कोविड-19 सिरियस होने पर मल्टी-इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS) देखने को मिल रहा है। ये बच्चों के मौत की वजह भी बनता है। इस सिंड्रोम के चलते फेफड़ा, दिस और दिमाग में गंभीर सूजन हो जाती है। बुखार के साथ बच्चों को दौरे भी पड़ते हैं।
नए वायरस के आने पर कोरोना के नए लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं। इनमें कोल्ड, सिर दर्द, कफ और बुखार के अलावा स्किन रैशेज, कोविड टोज, जोड़ों का दर्द, लाल आंखें और शरीर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी दिक्कतें, मिचली, पेट में ऐंठन, थकान और सुस्ती जैसे लक्षण शामिल हैं। यदि आपको या बच्चों को इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे ती तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए उन्हें घर से बाहर खेलने न जाने दें। अपने साथ भी मार्केट में न ले जाएं। उनके हाथ बार बार साफ करते रहें। आप खुद भी अपना ख्याल रखें ताकि बच्चे आप से संक्रमित न हो पाएं।