निरंजनी अखाड़े ने किया कुंभ का समापन, कहा-कोरोना के चलते उठाया ये कदम
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए निरंजनी अखाड़े ने कुंभ समापन का निर्णय लिया है। अखाड़े के सचिव रविन्द्र पुरी महाराज ने इस बात की जानकारी दी और कहा कि कोरोना के काफी सारे मामले सामने आ रहे हैं। जिसके कारण ये फैसला लिया गया है। इन्होंने कहा कि तीसरे शाही स्नान के बाद कई साधु संतों को जुखाम हो गया है। ऐसे में हमनें 17 अप्रैल को कुंभ समाप्ति का निर्णय लिया है। ये फैसला हमारा निजी निर्णय है, अखाड़ा परिषद का नहीं।
गौरतलब है कि इस समय हरिद्वार में कुंभ का मेला चल रहा है। जिसके कारण भारी संख्या में लोग इस जगह आ रहे हैं और गंगा स्नान कर रहे हैं। कोरोना जैसे हालातों में इतनी मात्रा में लोगों के जमा होने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। वहीं पांच दिनों में 1701 लोग यहां कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
यहां के प्रशासन के अनुसार 10 से 14 अप्रैल के बीच कोरोना जांच की गई थी। जिसमें कई सारे लोग कोरोना से संक्रमति पाए गए थे। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि महाकुंभ से लौट रहे लोगों से देश में कोरोना ओर फैल सकता है और आने वाले दिनों में मामलों में उछाल आ सकता है।
2 लाख से अधिक लोगों की हुई कोरोना की जांच
हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी शंभु कुमार झा ने कोरोना जांच के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों ने मेला क्षेत्र में पिछले पांच दिनों में 2 लाख 36 हजार 751 लोगों की कोरोना जांच की गई। इनमें से 1701 लोगों के कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इस संख्या में हरिद्वार से लेकर देवप्रयाग तक पूरे मेला क्षेत्र में पांच दिनों में की गई आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन जांच दोनों के आंकड़े शामिल हैं।
इनके अनुसार अभी और आरटी-पीसीआर जांच के नतीजे आने बाकी हैं और लग रहा है कि कुंभ मेला क्षेत्र में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 2 हजार के पार जा सकती है।
गौरतलब है कि इस बार कुंभा का मेला हरिद्वार में है। महाकुंभ 2021 उत्तराखंड के हरिद्वार, टिहरी और ऋषिकेश के 670 हेक्टेयर क्षेत्रफल में चल रहा है। सोमवार को सोमवती अमावस्या, बुधवार को मेष संक्रांति और बैसाखी के पर्व पर हुए दोनों शाही स्नानों में 48.51 लाख श्रद्धालुओं में से ज्यादातर लोग बिना मास्क पहने दिखे। जिससे की चिंता बढ़ गई थी। क्योंकि इस समय देश में कोरोना की दूसरी लहर आ गई है और काफी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। कुंभ के दौरान लोगों की इस लापरवाही से कोरोना ओर बुरी तरह से फैल सकता है। हालांकि स्थिति को देखते हुए कई अखाड़े सख्त कदम उठा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि निरंजनी अखाड़े की तरह अन्य अखाड़े भी कुंभ मेला समाप्ति का निर्णय लेंगे।