नीम खाने की परीक्षा पास करने वालों से ही मिलते हैं कुलपति, ऐसा करने की वजह जान हो जाएंके आप हैरान
छत्तीसगढ़ के एक कुलपति प्रोफेसर ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए अनोखा तरीका निकाला है और जो भी इनसे मिलने के लिए आता है। उसे ये नीम की पत्तियां चबाने को देते हैं। बिलासपुर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अरुण दिवाकर नाथ ने ये नियम बना रखा है कि जो भी उनसे मिलना चाहता है। उसे सबसे पहले नीम का पत्ता खाना होगा। अगर कोई ऐसा करने से मना कर दें तो ये उनसे नहीं मिलते हैं।
कोरोना से बचाव के लिए इन्होंने ये आयुर्वेदिक तरीका निकाला है। कुलपति ऑफिस के बाहर नीम की काफी सारी पत्तियां रोज रखी जाती हैं। वहीं जब कोई इनसे मिलने के लिए आता है। तो इनके गेट पर खड़े लोग पहले उसे तीन नीम की पत्ती चबाने को देते हैं। नीम के पत्तों को चबाने के बाद उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी जाती है।
इसके साथ ही सुरक्षाकर्मी आने वाले गेस्ट को कोरोना के बारे में जानकारी देते हैं और उन्हें सामाजिक दूरी बनाए रखने व मास्क लगाने के लिए कहते हैं। स्थानीय अखबार से बात करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि नीम एक संपूर्ण औषधि है। इसके हर तत्व में विषाणु और किटाणु से लड़ने की क्षमता है। अगर नीम की पत्तियां किसी को चबाने में कड़वी नहीं लगती है तो पता चलता है कि उसे संक्रमण नहीं है। क्योंकि संक्रमण के दौरान लोगों का स्वाद चला जाता है। प्रोफेसर अरुण दिवाकर नाथ ने हाल ही में विश्वविद्यालय में कुलपति का पद संभाला है। ऐसे में कई संख्या में लोग इनसे मिलने के लिए आते रहते हैं।
रानी दुर्गावती विवि के वरिष्ठ प्राध्यापक अरुण दिवाकर नाथ वाजपई ने मंगलवार को ही अटल बिहारी वाजपेयी विवि के कुलपति का पदभार ग्रहण किया। ये पद ग्रहण करने से पहले इन्होंने प्रवेश गेट के पास पूजा अर्चना की थी और हवन डाला था। इसके बाद इन्होंने अपने कक्ष में प्रवेश किया था और नीम का पत्ता खाकर आने वालो से ही मिलने का नियम बनाया। जिसके चलते जो लोग इन्हें बधाई देने के लिए आना चाहते थे, उन्हें नीम का पत्ता खाना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और महाराष्ट्र के बाद इसी राज्य से सबसे ज्यादा कोरोना के केस आ रहे हैं। यहां की राज्य सरकार ने कई सारी पांबदियां यहां लगा दी हैं और केवल जरूरी काम होने पर ही लोगों को घर से बाहर निकलने को कहा है।