काशी विश्वनाथ मंदिर के पक्षकार को आया धमकी भरा फोन, कहा- मुकदमा तो जीत गए लेकिन ….
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मंजूरी हाल ही में सिविल कोर्ट द्वारा दी गई है। कोर्ट के आदेश के अनुसार पुरातात्विक विभाग के पांच सदस्यों की टीम ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करेगी। वहीं कोर्ट का ये फैसला आने के बाद मंदिर पक्ष से जुड़े वादी को धमकी मिल रही है। मंदिर पक्ष से वादी हरिहर पांडेय के अनुसार उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। यासीन नाम के शख्स ने उन्हें फोन किया और धमकी दी।
धमकी मिलने के बाद हरिहर पांडेय ने पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवाई है। इन्होंने ये शिकायत वाराणसी के पुलिस कमिश्नर से की है। जिसके बाद इन्हें पुलिस सुरक्षा दे दी गई है। मीडियो को हरिहर पांडेय ने बताया कि 8 अप्रैल को सिविल कोर्ट के फैसले के बाद वो जब घर पहुंचे तो एक अनजान नम्बर से उन्हें फोन आया। फोन पर यासीन नामक शख्स था। जिसने कहा कि ‘पांडेय जी मुकदमा तो जीत गए हैं? आप लेकिन ASI वाले मंदिर में नहीं घुस पाएंगे, आप और आपके सहयोगी मारे जाएंगे।
हरिहर पांडेय ने शुक्रवार को इसकी शिकायत वाराणसी पुलिस कमिश्नर से की। उसके बाद पुलिस ने उनकी सुरक्षा में 2 सिपाही तैनात कर दिए है। दशाश्वमेध सीओ अवधेश पांडेय ने बताया कि हरिहर पांडेय की शिकायत के बाद उन्हें सुरक्षा दी गई है और पुलिस इस मामले में जांच कर रही हैं। जांच कर ये पता लगाया जा रहा है कि फोन किसने किया था।
1991 में दाखिल हुआ था मुकदमा
काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी केस साल 1991 में वाराणसी कोर्ट में दाखिल किया गया था। प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लार्ड विशेश्वर की ओर से सोमनाथ व्यास, रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय को बतौर वादी इसमें शामिल किया गया था। ये केस दाखिल होने के कुछ वर्षों बाद ही सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा की मौत हो गई। ऐसे में हरिहर पांडेय अब इस मुकदमे में मंदिर की ओर से पक्षकार हैं।
दायर याचिका में कहा गया है कि काशी विश्वनाथ के पास बनीं ज्ञानवापी मस्जिद, मंदिर की जमीन पर बनाई गई है। इस मंदिर का इतिहास बताते हुए कोर्ट में कहा गया है कि मंदिर का निर्माण महाराजा विक्रमादित्य ने करवाया था। यहां पर लोग पूजा करते थे। काशी विश्वनाथ मंदिर को औरंगजेब ने 1664 में नष्ट कर दिया था और इसके अवशेषों का उपयोग कर मंदिर परिसर में ही मस्जिद बना दी गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर विशालकाय नंदी हैं, जिसका मुख मस्जिद की ओर है। इसके अलावा मस्जिद की दीवारों पर नक्काशियों से देवी देवताओं के चित्र उकेरे गए हैं। स्कंद पुराण में भी इन बातों का वर्णन है।
याचिका दायर करने के बाद से ही इस मामले पर सुनवाई चल रही थी। वहीं 8 मार्च को कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया है। जो कि पुरातत्व विभाग की ओर से किया जाएगा। कोर्ट के इसी फैसले के बाद हरिहर पांडेय को धमकी दी गई है।