राजद्रोह के आरोप में लेखिका को किया गया गिरफ्तार, सिपाहियों को शहीद का दर्जा देने पर उठाए थे सवाल
असम की लेखिका को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस लेखिका ने फेसबुक पर छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले में शहीद हुए 22 जवानों के बारे में काफी गलत बात लिखी थी। ये पोस्ट लिखने के कुछ ही समय बाद इस महिला को पुलिस ने पकड़ लिया और इस पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया।
पुलिस के अनुसार आरोपी शिखा शर्मा एक लेखिका हैं और उन पर कई धाराओं के मामले दर्ज हुए हैं। गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर मुन्ना प्रसाद का कहना है कि कल शिखा को कोर्ट में पेश किया जाएगा। शिखा के खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह) के आधार पर शिकायत दर्ज की गई है।
लिखा था ये पोस्ट
सोशल मीडिया पर शिखा शर्मा ने सोमवार को लिखा कि अपनी ड्यूटी के दौरान काम करते हुए मरने वाले वेतनभोगी पेशेवरों को शहीद का दर्जा नहीं दिया जा सकता। उसी तर्क के आधार पर बिजली विभाग में काम करने वाले कर्मचारी की अगर बिजली के झटकों की वजह से मृत्यु हो जाती है तो क्यों नहीं उसे भी शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। लोगों की भावनाओं के साथ मत खेलो, मीडिया।
शिखा शर्मा के इस फेसबुक पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर इनकी खूब आलोचना होने लगी और इनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया। गुवाहाटी हाईकोर्ट के दो जज उमी देका बारुआ और कंकना गोस्वामी की ओर से इनके खिलाफ शिकायत दिसपुर पुलिस स्टेशन में की गई। जिसके बाद मंगलवार को लेखिका को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
शिकायत करते हुए शिखा शर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। दिसपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने बताया कि लेखिका के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई है और शिकायत के आधार पर ही गिरफ्तारी हुई है। शिखा शर्मा ऑल इंडिया रेडिया, डिब्रूगढ़ में कलाकार के तौर पर काम करती हैं। पिछले साल अक्तूबर में शिखा शर्मा को सरकार के खिलाफ बोलने पर बलात्कार की धमकियां मिली थी। वहीं अब उन्होंने ये विवादित पोस्ट लिखा है।
गौरतलब है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने 700 से अधिक जवानों को घेर कर उनपर हमला कर दिया था। इस हमले में 20 जवान शहीद हो गए थे। इन जवानों की शहादत पर ही शिखा शर्मा ने ये पोस्ट किया था।