युवक ने की मंदिर में तोड़फोड़, पकड़े जाने पर कहा-भगवान से नाराज था, बदला लेने के लिए किया ये सब
एक युवक ने गुस्से में आकर मंदिर पर पथराव किया और मंदिर में रखी गई भगवान की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद ये युवक मौके से फरार हो गया। हालांकि ये सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और पुलिस ने आरोपी युवक को पकड़ लिया। दरअसल सीसीटीवी कैमरे की मदद से पुलिस ने आरोपी की पहचान की और उसे गिरफ्तार किया गया। ये मामला देश की राजधानी दिल्ली का है।
गिरफ्तार करने के बाद इस युवक से पूछताछ की गई। जिसमें इसने मंदिर को नुकसान पहुंचाने की वजह बताई। आरोपी युवक ने पुलिस को बताया कि लॉकडाउन लगने के कारण पहले उससे उसका घर छिन गया और रोजगार भी चले गया। इन सब से ये काफी दुखी थी और भगवान से गुस्से था। ऐसे में अपना गुस्सा निकालने के लिए इसने मंदिर में तोड़फोड़ की।
पुजारी ने की शिकायत
मंदिर के पुजारी ने मूर्तियों को टूटा हुआ पाया और इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुजारी ने तुरंत दिल्ली के पंजाबी बाग थाना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। जिसके बाद सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिला के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने इस पूरी घटना के बारे में बताया कि वैष्णो माता मंदिर पंजाबी बाग के पश्चिमपुरी इलाके में स्थित है। मंदिर के पुजारी रंजीत पाठक ने शनिवार सुबह करीब पौने नौ बजे पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। पुजारी ने पुलिस को फोन कर मंदिर में पथराव और मूर्ति तोड़े जाने की सूचना दी। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर जांच की। जांच के दौरान पुलिस को पुजारी ने बताया कि देर रात वो मंदिर से घर गया था।
सुबह करीब साढ़े पांच बजे मंदिर वापस आने पर उसने देखा कि भगवान शिव और अन्य देवताओं की मूर्तियां टूटी हुई हैं। साथ में ही मंदिर परिसर के चारों तरफ पत्थर ही पत्थर पड़े थे। पुजारी का बयान लेने के बाद पुलिस ने मंदिर और आसपास लगे सीसीटीवी को देखा। जिसमें एक युवक मंदिर परिसर में पथराव करता हुआ दिखाई दिया। युवक के पहनावे के जरिए पुलिस ने इलाके में उसकी खोज करना शुरू कर दी। वहीं कुछ ही देर में उसी कपड़े में आरोपी युवक पुलिस को दिखा और उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि युवक का नाम विक्की है और ये 28 साल का है। इसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पूछताछ के दौरान इसने बताया कि वो भगवान से नाराज था। इसी वजह से उसने ये सब किया। लॉकडाउन से पहले उसके पिता शंभू रघुवीर नगर में कबाड़ी का काम करते थे और ये पिता की मदद काम में करता था।
लॉकडाउन होने पर पिता दुकान बंद कर बिहार के मोतीहारी स्थित अपने गांव चले गए। जिसके कारण दिल्ली में विक्की के पास रहने को घर नहीं बचा। न कोई काम था और न ही कमाई का जरिया। खोजने पर भी काम न मिलने से विक्की नाराज था और अपनी हालत के लिए भगवान को जिम्मेदार मान रहा था। भगवान से बदला लेने के लिए उसने ये सब किया। विक्की ने शुक्रवार देर रात साढ़े बारह बजे मंदिर में आकर तोड़फोड़ कर दी और वहां से चले गया। उसे लगा कि किसी को भी उसपर शक नहीं होगा। लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया।