अध्यात्म

जब शिव जी ने कर दिया था सूर्य देव पर अपने त्रिशूल से प्रहार, संसार पर छा गया था अंधकार

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव ने सूर्य देव पर प्रहार कर दिया था। जिसके कारण सूर्य देव की चेतना नष्ट हो गई और वो गिर पड़े। सूर्य देव के गिरने के कारण पूरे संसार में अंधकार छा गया। अपने पुत्र सूर्य को इस हालत में देख कश्यप मुनि को गुस्सा आ गया और उन्होंने शिव जी को श्राप दे डाला। ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस कथा का उल्लेख किया गया है और बताया गया है कि आखिर क्यों शिव जी ने सूर्य देव पर प्रहार किया था।

ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार, एक बार माली और सुमाली को सूर्य देव ने कष्ट भरे जीवन का श्राप दे दिया था। जिससे शिव जी काफी क्रोधित हो गए और उन्होंने सूर्य देव पर त्रिशूल से प्रहार कर दिया। इससे सूर्य की चेतना नष्ट हो गई और वो अपने रथ से नीचे गिर पड़े। सूर्य देव के रथ से गिरने से दुनिया पर अंधकार छा गया और लोगों के बीच हाहाकार मच गया। वहीं जब कश्यप मुनि ने अपने पुत्र का जीवन खतरे में देखा, तो वो सूर्य को छाती से लगाकर विलाप करने लगे।

ब्रह्मा के पौत्र तपस्वी कश्यप को शिव जी पर गुस्सा आ गया और उन्होंने शिव जी को श्राप दे दिया। श्राप देते हुए इन्होंने कहा कि तुम्हारे प्रहार के कारण जैसा मेरे पुत्र का हाल हो रहा है। ठीक वैसा ही तुम्हारे पुत्र का भी होगा। ये बात सुन शिव जी का क्रोध शांत हो गया और उन्होंने सूर्य को फिर से जीवित कर दिया।

वहीं जब सूर्य देव को कश्यपजी के श्राप के बारे में पता चला, तो उन्होंने सभी का त्याग करने का निर्णय लिया। ये सुनकर देवता चिंता में आ गए और उन्होंने ब्रह्मा देव को सूर्य देव के पास भेजा। भगवान ब्रह्मा सूर्य के पास पहुंचे और उन्हें उनके काम पर नियुक्त किया। साथ में ही ब्रह्मा, शिव और कश्यप ने सूर्य को आशीर्वाद भी दिया। सूर्य अपनी राशि पर आरूढ़ हुए। इसके बाद माली और सुमाली को ब्रह्मा देव ने कहा कि सूर्य के कोप से तुम दोनों का तेज खत्म हो गया है। तुम सूर्य की आराधना करो। इन दोनों ने सूर्य की आराधना शुरू की और जिससे ये निरोगी हो गए।

कहा जाता है कि जो लोग रविवार को सूर्य देव का पूजन करते हैं, उनकी रक्षा कई रोगों से होती है। इसलिए किसी भी प्रकार के रोग से ग्रस्त होने पर आप सूर्य देव की पूजा करें। रविवार को इनकी कथा पढ़ें व सूर्य देव को देखते हुए इन्हें अर्घ्य अर्पित करें।

इस तरह से दें अर्घ्य

एक तांबे के लोटे में आप ताजा जल भर लें। इसके अंदर थोड़े से चावल, सिंदूर व एक फूल डाल दें। सूरज को देखते हुए ये जल उन्हें अर्पित करें। जल अर्पित करते हुए सूर्य देव के मंत्रों व इनके नाम का जाप जरूर करें।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy7bet https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/ dreamplay77 oneplay77 monte77
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor slot thailand slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://officialstore.it.com/ https://ecourse-lpug.gunadarma.ac.id/data/ https://unilinkindia.com/ https://161.35.239.72/ https://64.23.174.29/ https://rosalindwilliams.com/ https://zygmarketing.site/ https://leaderships.la/ http://www.oyo-hotel-ciater.epizy.com/data/ https://akuview.com/ https://www.akarta.es/