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कभी फटे-गंदे कपड़ों में सड़क पर सिगरेट बेचते थे जैकी श्रॉफ, इस फिल्म ने रातोंरात बदल दी थी ज़िंदगी

80 और 90 के दशक में बेहद चर्चित और सफ़ल रहे जाने-माने अभिनेता जैकी श्रॉफ की गिनती बॉलीवुड के शानदार अभिनेताओं में होती है. जैकी श्रॉफ ने अपनी कड़ी मेहनत से इंडस्ट्री में अपनी ख़ास और अलग पहचान बनाई है. मुंबई की चॉल में पले-बड़े जैकी ने बॉलीवुड सुपरस्टार तक का शानदार सफ़र तय किया है. आज पूरी दुनिया प्यार से उन्हें ‘जग्गू दादा’ के नाम से जानती है.

जैकी श्रॉफ अपनी अदाकारी के साथ ही अपनी लग्ज़री लाइफ स्टाइल के लिए भी जाने जाते हैं. जग्गू दादा ने अपने करीब 40 साल के फ़िल्मी करियर में कई शानदार फ़िल्में दी है. 1 फरवरी 1957 को मुंबई में जन्मे जैकी श्रॉफ आज 64 साल की उम्र में भी फ़िल्मी दुनिया में सक्रिय है. कभी पाई-पाई को मोहताज रहे जैकी की ज़िंदगी साल 1983 में आई सुपरहिट फिल्म ‘हीरो’ ने रातोंरात बदलकर रख दी थी. आइए आपको जैकी की सफ़लता और उनके स्ट्रगल से रुबरु कराते हैं…

जैकी श्रॉफ की दुनिया फिल्मों में आने से पहले बिलकुल अलग थी. बताया जाता है कि वे कभी सड़क किनारे सिगरेट बेचने का काम करते थे. उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपने कदम साल 1982 में आई दिग्गज़ अभिनेता देव आनंद की फिल्म ‘स्वामी दादा’ से रखे थे. हालांकि महज 10 मिनट का रोल होने के चलते उन्हें कोई पहचान नहीं मिल सकी. लेकिन देव आनंद और जैकी श्रॉफ के मिलने का किस्सा बड़ा रोचक है.

दरअसल, एक बार देव साहब अपनी गाड़ी में बैठकर कहीं जा रहे थे, इस दौरान उनकी नजर एक लड़के पर पड़ी जो कि सड़क पर गंदी शर्ट और फटी हुई जींस पहने सिगरेट बेचने का काम किया करता था. लड़के को देखकर देव साहब को न जाने क्या सूझी कि उन्होंने उसे अपनी फिल्म में लेने का मन बना लिया. इसके बाद देव साहब गाड़ी में बैठकर अपने ऑफिस चले गए. ख़ास बात यह रही कि उन्हें वह लड़का अपने ऑफिस पर ही मिल गया. ऐसे में उस लड़के को देव आनंद ने अपनी फिल्म ‘स्वामी दादा’ में कास्ट कर लिया और इस लड़के का नाम था जैकी श्रॉफ.

अपनी पहली ही फिल्म में जैकी श्रॉफ महज 10 मिनट के रोल में दिखें, लेकिन सफ़लता उनके क़दमों के बेहद नजदीक थी. बहुत जल्द उनके जीवन में ऐसी घटना घटी जिनसे उनकी पूरी ज़िंदगी ही बदल गई. अगले ही साल 1983 में उनके फ़िल्मी करियर की सबसे सफ़लतम फिल्म ‘हीरो’ रिलीज हुई. यह फिल्म भी जैकी को बड़े अलग अंदाज में नसीब हुई थी.

दरअसल, हीरो के निर्देशक सुभाष घई को फिल्म के लिए किसी नए चेहरे की तलाश थी. इस दौरान उन्हें जैकी श्रॉफ की जानकारी मिली. लेकिन जैकी की हमेशा बढ़ी हुई मूछ-दाढ़ी, अजीबोगरीब तरीके के कपड़े के चलते सुभाष घई उनसे प्रभावित नहीं हुए. हालांकि दोनों के बीच हुई बातचीत ने काम बना दिया था. सुभाष ने जैकी को ‘हीरो’ में कास्ट कर लिया. 16 दिसंबर 1983 को रिलेजे हुई इस फिल्म ने जैकी श्रॉफ को रातोंरात स्टार बना दिया था. फिल्म की एक आइकॉनिक धुन थी, बांसुरी की धुन आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है.

हीरो को मिली अपार सफ़लता…

फिल्म हीरो में जैकी श्रॉफ की हीरोइन थी मीनाक्षी शेषाद्रि. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के कई बड़े रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए थे. यह फिल्म उस साल की सबसे सफ़ल फिल्मों में भी शामिल रही. इस फिल्म की अपार सफ़लता के अगले दो सालों में जैकी श्रॉफ
17 फिल्मों में काम कर चुके थे.

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