साल 2024 से लागू हो सकती है नई चुनाव प्रणाली, एक साथ होंगे लोकसभा और विधानसभा के चुनाव
लम्बे समय से चल रही बहस के बीच नीति आयोग ने साल 2024 से लोकसभा और विधानसभा के चुनावों को एक साथ कराने का निर्देश दिया है. नीति आयोग ने इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग को निर्देशित किया है. आयोग का मानना है कि प्रचार मोड के दौरान शासन व्यवस्था बहुत ज्यादा प्रभावित होती है. इस दौरान शासन में बहुत व्यवधान पड़ते हैं. अगर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराये जाएं तो ऐसे में शासन व्यवस्था को कम से कम व्यवधान झेलना पड़ेगा.
नीति आयोग के थिंक टैंक का इस मुद्दे पर कहना है कि इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए अधिकतम एकबार कुछ विधानसभाओं के कार्यकाल में कटौती या विस्तार करना पड़ेगा. इस सम्बन्ध में नीति आयोग ने नोडल एजेंसी यानी कि चुनाव आयोग को इस प्रस्ताव पर गौर कारने और इससे सम्बन्धित रोडमैप तैयार करने को कहा है. नीति आयोग ने इसके लिए सभी सम्बंधित पक्षकारों का एक कार्यसमूह गठित करने का सुझाव दिया है.
गौरतलब है कि इससे पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम मोदी सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने की बात कह चुके हैं. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम पाने सन्देश में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जाने की बात कही थी.
वहीँ पीएम मोदी ने फरवरी में इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा था कि एक साथ चुनाव कराये जाने से सभी राजनैतिक पार्टियों को नुकसान होगा. लेकिन यह राष्ट्र के लिए अच्छा है. उन्होंने देश भर की तमाम राजनीतिक पार्टियों से अपील की थी. वे इस प्रस्ताव को राजनीतिक नजरिये से मत देखें. उन्होंने कहा कि एक पार्टी या सरकार इसे नहीं कर सकती. सभी को मिलकर एक रास्ता तलाशना होगा.
इसके लिए नीति आयोग सिफारिश भी कर चुका है. खास बात यह है कि इसके मसौदे को 6 महीने के अन्दर अंतिम रूप देने का लक्ष्य तय किया गया है. माना जा रहा है कि इसका अंतिम खाका अगले साल मार्च तक तैयार होगा. इससे पहले 23 अप्रैल को नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल के सामने यह मसौदा पेश किया गया था. इस काउंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य लोग सदस्य होते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सभी चुनावों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और समकालीन तरीके से सम्पन्न कराया जाना चाहिए. जिससे शासन व्यवस्था में प्रचार के दौरान पड़ने वाले व्यवधानों को दूर या कम से कम किया जा सके. आयोग साल 2024 से इस दिशा में काम शुरू कर सकता है.