तीन तलाक के खिलाफ खुद आगे आएं मुस्लिम लोग, बनाए नई व्यवस्था: पीएम मोदी
तीन तलाक के मुद्दे पर पीएम मोदी ने अपनी कमर कस ली है, मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए अच्छा माहौल बनाने और उन्हें सामाजिक तथा आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पीएम मोदी और बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ रही है. शनिवार को एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की कि वह तीन तलाक जैसे मुद्दे पर खुल कर आगे आयें.
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्ध लोग खुद आगे आयें और तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठायें, उन्होंने कहा कि तीन तलाक का राजनीतिकरण होने से रोकिये. पीएम मोदी ने कहा कि इस मुद्दे को राजनितिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. इस व्यवस्था की खामियों से मुस्लिम महिलाओं, माओं और बेटियों को बचाने के लिए प्रबुद्ध लोग आगे आयें.
गौर तलब है कि बीते कुछ समय से तीन तलाक का मुद्दा सुर्ख़ियों में है चरों तरफ इस मुद्दे पर बहस होनी शुरू हो गयी है. इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया के तहत सुनवाई और बहस भी हो रही है. मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, माना जा रहा है कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक की संवैधानिक वैधता पर अपना फैसला सुना सकती है.
पीएम मोदी कन्नड़ कन्नड़ दार्शनिक बसवेश्वर की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने देश भर में सुधारों की बात कही, उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म में जब राजा राम मोहन राय ने विधवा प्रथा का विरोध किया होगा तो उन्हें भी बहुत आलोचना झेलनी पड़ी होगी. लेकिन वह माताओं और बहनों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ लड़े और उन्होंने करके दिखाया.
उन्होंने कहा, भारत की महान परंपरा को देखते हुये मुझे यह उम्मीद है कि देश में मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली लोग इस पुरानी हो चुकी व्यवस्था को खत्म करने के लिये आगे आयेंगे और आधुनिक व्यवस्था विकसित करेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि समाज के अंदर के लोग ही परंपराओं को तोड़ आधुनिक व्यवस्थाओं को अपनाते हैं, तीन तलाक के संकट से जूझ रही मुस्लिम महिलाओं के लिए रास्ता निकालने की जरूरत है.
गौरतलब है कि बीते कुछ समय से यह मुद्दा जमकर उठाया जा रहा हाई, इस पर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने डेढ़ साल में इसका हल निकालने का वादा भी किया है, साथ ही बीते दिनों मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि तीन तलाक का दुरूपयोग करने वाले लोगों का सामाजिक बहिष्कार करने की जरूरत है.