निकिता तोमर को पांच महीने बाद मिला इंसाफ, तौसीफ और रेहान को कोर्ट ने सुनाई सजा
निकिता तोमर हत्याकांड के दोषी तौसीफ और रेहान की सजा पर फैसला आ गया है और कोर्ट ने इन दोनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही इनपर 20-20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। ये मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था और लगभग पांच महीने के बाद इस मामले में दोषियों को सजा दी गई है। इस मामले की सुनवाई के दौरान फरीदाबाद की न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई थी। दरअसल कोर्ट पहले ही तौसीफ और रेहान को हत्या का दोषी करार दे चुका है और आज सजा पर फैसला आना था।
निकिता के परिवार वालों की ओर से तौसीफ और रेहान को फांसी की सजा देनी की मांग की गई थी। निकिता के मामा व वकील ऐदल सिंह रावत का कहना था कि निकिता मामले में पूरे तथ्य हैं कि दोषियों को फांसी की सजा हो। जबकि बचाव पक्ष के वकील अनीस खान का कहना था कि दुर्लभ मामलों में ही कोर्ट फांसी की सजा देते है।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि 26 अक्तूबर, साल 2020 को निकिता की हत्या कर दी गई। निकिता को तौसीफ ने उस समय गोली मारी थी। जब वो अपना पेपर देकर कॉलेज से बाहर निकली थी। दरअसल तौसीफ निकिता को पहले से जानता था और ये दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे। तौसीफ निकिता से शादी करना चाहता था। लेकिन निकिता ने तौसीफ से शादी करने के लिए मना कर दिया था।
निकिता के परिवार वालों के अनुसार तौसीफ और उसकी मां निकिता पर धर्म बदलने का दाव डाल रहें थे। तौसीफ ने निकिता का अपहरण भी कर लिया था। लेकिन उस समय पुलिस ने निकिता को बचा लिया था। वहीं एक बार फिर से तौसीफ ने निकिता का अपहरण करने की कोशिश की थी। 26 अक्तूबर को निकिता जब अपनी दोस्त के साथ पेपर देकर बाहर निकली तो तौसीफ ने उसे पकड़कर गाड़ी में डालना चाहा। जिसका विरोध निकिता ने किया। जिसके बाद गुस्से में आकर तौसीफ ने निकिता पर गोली चला दी। इस दौरान तौसीफ का दोस्त रेहान कार में मौजूद था। तौसीफ के गोली चलाने के बाद रेहान और तौसीफ गाड़ी से फरार हो गया था। रेहान और तौसीफ को पुलिस ने वारदात के दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद आरोपियों को रिमांड पर भेजा गया था।
निकिता के परिवार वालों ने इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की मांग की थी। जिसे सरकार ने मान लिया था। पांच महीने से इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट पर चल रही थी। जिसपर अब कोर्ट का फैसला आ गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की अदालत ने अगवा करने की कोशिश के लिए दोनों को पांच साल जेल और दो-दो हजार रुपये जुर्माना। साजिश रचने की धारा के तहत दोनों को पांच साल जेल व दो-दो हजार रुपये जुर्माना और शस्त्र अधिनियम के तहत तौसीफ को चार साल जेल और तीन हजार रुपये जुर्माने की सजा दी है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।