2 मासूम बेटियों संग कुएं में कूद गया पिता, वजह जान नम हो जाएंगी आंखें
देशभर में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है। इस कोरोना के चलते कई लोगों की जाने गई है। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने जॉब जाने या रोजी रोटी का सहारा छीनने के चलते आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया। अब महाराष्ट्र के पुणे की इस घटना को ही ले लीजिए। यहां शिरुर तहसील के तलेगांव ढमढेरे गांव में गुरुवार सुबह हैरान कर देने वाला नजारा देखने को मिला।
गांव में एक कुआ है जिसके बाहर तीन जोड़ी चप्पल और मोबाईल पड़ा था। जब कुएं में झाँका गया तो दो बच्ची और एक पिता की लाश पानी में तैर रही थी। बाद में इन मृतकों की पहचान राजेंद्र भुजबल, ऋतुजा(10) और दीक्षा भुजबल(8) के रूप में हुई। पुलिस को जांच में पता चल कि मृतक राजेंद्र की पत्नी का कुछ महीनों पहले ही देहांत हो गया था। वह अकेला अपनी दोनों बेटियों की परवरिश कर रहा था।
कोरोना काल में राजेंद्र को काम मिलना बंद हो गया था। इससे उसकी आर्थिक स्थिति बहुत बिगड़ गई थी। उसके पास बच्चों का पेट पालने तक के पैसे नहीं थे। शायद इसी बात से दुखी होकर उसने अपनी दोनों बेटियों के साथ कुएं में कूदकर जान दे दी। हालांकि सुसाइड की वजह सत प्रतिशत स्पष्ट नहीं है। पुलिस को राजेंद्र के पास से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला।
इस घटना की जानकारी तब लगी जब एक किसान को कुएं के बाहर तीन लोगों के जूते-चप्पल और मोबाइल दिखाई दिए। उसने जब कुएं में झाँका तो पानी में तैरते तीनों शवों को देख हैरान रह गया। वह गांववालों को बुलाकर लाया और रस्सी से कुएं में उतरा लेकिन तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी। बाद में पुलिस को सकी सूचना देकर बुलाया गया। पुलिस ने बड़ी मुश्किल के बाद गांववालों की मदद से तीनों के शवों को कुएं से बाहर निकाला।
ये पूरी घटना बहुत ही दुखद है। हम मानते हैं कि इस कोरोना काल ने बहुत से लोगों की लाइफ डिस्टर्ब कर दी है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप अपनी जिंदगी ही समाप्त कर दें। खासकर दो मासूम बेटियों के साथ खुदखुशी करना कोई अच्छी बात नहीं है। बच्चों की ज़िंदगी तो अभी शुरू हुई ही है। उनसे इस तरह जीने का हक छिनना बहुत ही बुरी बात है।
वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है हमे कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। ये खबर अधिक से अधिक लोगों के साथ शेयर करें और उन्हें ज़िंदगी के महत्व से अवगत कराएं। याद रहे सुसाइड हर समस्या का हल नहीं है।